क्या उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में बादल फटने और भूस्खलन ने तबाही मचाई?

सारांश
Key Takeaways
- बादल फटने से कई गांव प्रभावित हुए।
- राहत कार्य तेजी से चल रहा है।
- केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है।
- स्थानीय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है।
- जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
रुद्रप्रयाग, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के रुमसी गांव में शुक्रवार रात (25 जुलाई की मध्य रात्रि) एक भयंकर प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा जब अचानक बादल फटने की घटना हुई। इस विपत्ति के कारण बिजयनगर समेत कई गांवों में हड़कंप मच गया। घरों में पानी भर गया, कई वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और बड़ी मात्रा में कृषि भूमि नष्ट हो गई। हालांकि, राहत की बात यह है कि इस आपदा में अब तक किसी भी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
बादल फटने के साथ ही कई स्थानों पर मलबा और पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल अलर्ट पर हैं। भारी बारिश के कारण क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं भी लगातार उजागर हो रही हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
इस आपदा का असर केदारनाथ यात्रा पर भी पड़ा है। एसडीआरएफ पोस्ट सोनप्रयाग से शनिवार को मिली जानकारी के अनुसार, सोनप्रयाग से आगे के क्षेत्रों में भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है। इसके कारण यात्रा मार्ग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है, और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ यात्रा को गौरीकुंड में अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ की टीम, उप निरीक्षक आशीष डिमरी के नेतृत्व में तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हुई। टीम ने मौके पर पहुंचकर सतर्कता और सूझबूझ से राहत कार्य प्रारंभ किया। इस दौरान रास्ते में फंसे लगभग 100 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
पीडब्ल्यूडी मजदूरों की मदद से वैकल्पिक मार्ग के निर्माण का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है, ताकि जल्द से जल्द आवागमन बहाल किया जा सके और तीर्थयात्रियों को आगे की यात्रा के लिए सुरक्षित मार्ग मिल सके। एसडीआरएफ की टीम लगातार प्रभावित क्षेत्र में डटी हुई है और हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है।