क्या वर्षा गायकवाड़ ने जन सुरक्षा विधेयक का विरोध कर सरकार पर हमला किया?

सारांश
Key Takeaways
- वर्षा गायकवाड़ का विरोध लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक है।
- किसानों की वर्तमान स्थिति चिंता का विषय है।
- शिक्षा में राजनीति का हस्तक्षेप उचित नहीं है।
- जन सुरक्षा विधेयक पर सवाल उठाने की आवश्यकता है।
- ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार की प्रतिक्रिया पर संदेह है।
मुंबई, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महात्मा गांधी की जयंती पर, कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी ने जन सुरक्षा विधेयक के खिलाफ दक्षिण मुंबई के फोर्ट क्षेत्र में भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर से महात्मा गांधी की प्रतिमा तक एक शांति मार्च आयोजित किया। इस अवसर पर वर्षा गायकवाड़ ने प्रदेश और केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया।
वर्षा गायकवाड़ ने महाराष्ट्र सरकार पर लोकतंत्र को कुचलने और संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पत्रकार स्वतंत्रता से सवाल पूछ सकते हैं, लेखक और वैज्ञानिक अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं, और आम नागरिक अपनी बात रख सकते हैं, लेकिन भाजपा लोकतंत्र का अंत करना चाहती है। भाजपा सांसदों द्वारा किसानों के आंदोलन को शहरी नक्सलवाद कहने की प्रवृत्ति गलत है।
उन्होंने किसानों की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि महाराष्ट्र के किसान आज अत्यंत कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से कई ने अपने परिवार और रोजगार खो दिए हैं। ऐसे समय में, सरकार को किसानों और मजदूरों के साथ खड़ा होना चाहिए, लेकिन उनके विरोध को नक्सलवाद के रूप में पेश किया जा रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ पहले से ही पर्याप्त कानून मौजूद हैं, तो फिर नया जन सुरक्षा विधेयक लाने की आवश्यकता क्यों है?
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आरएसएस से संबंधित पाठ पढ़ाने को लेकर कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि राजनीति और शिक्षा दो अलग-अलग क्षेत्र हैं। राजनीति को अपनी जगह पर रहना चाहिए। शिक्षा में राजनीति लाना गलत है। दुख की बात है कि हम इतिहास को बदलने की कोशिश देख रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है। बच्चों को सच्चाई का ज्ञान होना चाहिए और उन्हें यह समझना चाहिए कि इस देश का असली इतिहास क्या है।
'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "पहलगाम में 26 परिवारों ने अपने पिता, बेटे और पति खो दिए। हम चाहते थे कि देश इसका बदला ले। हम यह भी चाहते थे कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से भारत पीओके पर कब्जा करे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है।"
गायकवाड़ ने पूछा, "अगर पाकिस्तान डर गया था, तो आपने 'ऑपरेशन सिंदूर' को क्यों रोका? सीजफायर का पूरा श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ले लिया, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी। यहां तक कि टैरिफ भी लगाया गया, फिर भी सरकार ने ट्रंप का नाम लेकर कोई स्पष्ट बात नहीं की।"