क्या योगी सरकार की नीतियों से इलेक्ट्रॉनिक्स, मैन्युफैक्चरिंग और डाटा सेंटर्स के हब के रूप में प्रदेश का विकास हो रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- योगी सरकार की नीतियों से उत्तर प्रदेश का औद्योगिक विकास हुआ है।
- युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के अवसर मिल रहे हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और डाटा सेंटर क्षेत्र में तेजी से निवेश बढ़ रहा है।
- उत्तर प्रदेश अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है।
- भविष्य की तकनीकी उन्नति के लिए राज्य पूरी तरह तैयार है।
लखनऊ, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तकनीक-आधारित समावेशी विकास की दृष्टि ने उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स, डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग और डाटा सेंटर के हब के रूप में विश्व स्तर पर पहचान दिलाना शुरू कर दिया है। आज, राज्य की प्रगति औद्योगिक रूप से विकसित कई राज्यों से भी तेज गति से हो रही है। इसका सबसे बड़ा लाभ प्रदेश के युवाओं को मिल रहा है, जिन्हें आईटी और नई तकनीक से जुड़े क्षेत्रों में रोजगार और कौशल विकास के अद्वितीय अवसर मिल रहे हैं। योगी सरकार की प्रभावी नीतियों के चलते इस क्षेत्र में निवेश लगातार बढ़ रहा है और इससे 1.48 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावनाएं हैं।
बीते लगभग नौ वर्षों में, राज्य सरकार ने परंपरागत उद्योगों के साथ-साथ भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 के माध्यम से उत्तर प्रदेश ने वैश्विक निवेशकों का विश्वास जीतने में सफलता प्राप्त की है। बेहतर व्यापार माहौल, सरल प्रक्रियाएं, विश्वस्तरीय अवसंरचना और उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स नेटवर्क ने राज्य में सेमीकंडक्टर कंपोनेंट्स, उच्च-मूल्य की इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी सेवाओं और डाटा आधारित उद्योगों की स्थापना को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इस दिशा में स्टार्टअप इकोसिस्टम भी मजबूती से विकसित हो रहा है और बड़े पैमाने पर युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
राज्य से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी उत्पादों के निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। 2017 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 3,862 करोड़ रुपए था, जो 2024-25 में बढ़कर 44,744 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इसी प्रकार, आईटी निर्यात भी 55,711 करोड़ से बढ़कर 82,055 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। प्रदेश अब कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रमुख निर्यातकों में से एक बन चुका है। सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2024 लागू होने के बाद इस क्षेत्र में बड़े निवेश की नई संभावनाएं उत्पन्न हो रही हैं।
उत्तर प्रदेश में वैश्विक कंपनियां असेंबली यूनिट्स, डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग, कंपोनेंट और प्रिसिजन इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट स्थापित कर रही हैं, जिससे भारत की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्षमता तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान में देश में बनने वाले कुल मोबाइल फोनों का लगभग 55 प्रतिशत उत्पादन केवल उत्तर प्रदेश में होता है। भूमि बैंक, प्रस्तावित सेमीकंडक्टर पार्क, बड़े पैमाने पर डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रिक व्हीकल इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में निवेश के साथ, राज्य अब भविष्य की तकनीकी उन्नति के लिए पूरी तरह तैयार है।
कम लॉजिस्टिक्स लागत, बेहतर कानून-व्यवस्था, सिंगल विंडो सिस्टम और तकनीकी कौशल से लैस युवा कार्यबल ने उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेशकों के लिए सबसे विश्वसनीय गंतव्यों में से एक बना दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा, निवेश संरक्षण और औद्योगिक टाउनशिप पर आधारित दृष्टिकोण ने यूपी के औद्योगिक विकास को तेज किया है। भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है और उत्तर प्रदेश का उभरना यह दर्शाता है कि देश का तकनीकी और विनिर्माण भविष्य केवल महानगरों तक सीमित नहीं रहेगा। राज्य सरकार विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और योजनाओं के माध्यम से युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर अपनी जनसांख्यिकीय ताकत को एक वास्तविक आर्थिक संपदा में बदलने का प्रयास कर रही है।