क्या योगी सरकार ने जनजातीय गौरव को नई पहचान दी है?

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क्या योगी सरकार ने जनजातीय गौरव को नई पहचान दी है?

सारांश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जनजातीय समुदायों के जीवन में अद्वितीय बदलाव लाया है। यह बदलाव न केवल योजनाओं का विस्तार है, बल्कि उनकी संस्कृति और अधिकारों की पुनर्स्थापना की कहानी है। जानिए कैसे यह सरकार इन समुदायों को मुख्य धारा में लाने का प्रयास कर रही है।

Key Takeaways

  • योगी सरकार ने जनजातीय समुदायों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं।
  • जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए संग्रहालयों की स्थापना की गई है।
  • जनजातीय बच्चों की शिक्षा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
  • विमुक्त समुदायों के लिए आश्रम पद्धति विद्यालय की स्थापना की गई है।
  • सरकार का लक्ष्य वंचितों की सहायता करना है।

लखनऊ, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में जनजातीय समाज के जीवन में जो परिवर्तन आया है, वह केवल योजनाओं का विस्तार नहीं है, बल्कि सम्मान और अधिकारों की पुनर्स्थापना की एक महत्वपूर्ण कथा है। लंबे समय से उपेक्षित इन समुदायों को योगी सरकार ने न केवल मुख्य धारा में स्थान दिया, बल्कि उनकी परंपराओं, आवश्यकताओं और सपनों को शासन की प्राथमिकता बना दिया।

सीएम योगी की दृष्टि हमेशा यही रही है कि विकास तभी सार्थक है जब वंचितों को प्राथमिकता मिले और अंत्योदय से सर्वोदय का मार्ग प्रशस्त हो।

प्रदेश में थारु, बुक्सा, भोटिया, जौनसारी, राजी, गोंड, बैगा, सहरिया, मुसहर और चेरो जैसी जनजातियों के ११ लाख से अधिक लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए सरकार ने योजनाएं लागू कीं। वनाधिकार अधिनियम के तहत आवासीय अधिकार प्रदान किए गए, मुख्यमंत्री आवास योजना से वनवासियों को पक्के घर मिले और पीएम जनमन योजना के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, बिजली और दूरसंचार जैसी बुनियादी सुविधाएं सीधे उनके द्वार तक पहुंचाई गईं। विशेष रूप से बुक्सा जनजाति के ८१५ परिवारों को हर सुविधा से संतृप्त कर एक नई मिसाल पेश की गई।

'धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' और 'धरती आबा जनभागीदारी अभियान' ने जनजातीय क्षेत्रों में विकास की वास्तविक तस्वीर बदली। २६ जिलों के ५१७ गांवों तक पहुंचकर सरकार ने कनेक्टिविटी से लेकर आयुष्मान कार्ड, उज्ज्वला, जनधन, किसान सम्मान निधि और विश्वकर्मा जैसी योजनाओं का सैचुरेशन कराया। सोनभद्र, ललितपुर, कुशीनगर, बलरामपुर से लेकर बिजनौर तक इन गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर लगातार बढ़े हैं।

जनजातीय संस्कृति को संजोने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। बलरामपुर के इमिलिया कोडर में थारू संग्रहालय स्थापित हुआ और मिर्जापुर, सोनभद्र, महराजगंज में नए संग्रहालयों पर तेजी से कार्य चल रहा है। थारू समुदाय की कला और कौशल को राष्ट्रीय बाजार में लाने के लिए लखीमपुर खीरी में थारू हस्तशिल्प कंपनी बनाई गई। इसमें जुड़े ३७१ समूहों को रिवॉल्विंग फंड और कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड देकर आत्मनिर्भरता की दिशा दिखाई गई।

शिक्षा को जनजातीय उन्नति का आधार बनाते हुए एकलव्य मॉडल स्कूल, सर्वोदय छात्रावास और आश्रम पद्धति विद्यालयों में बच्चों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। लखीमपुर खीरी, बहराइच, सोनभद्र और ललितपुर के एकलव्य विद्यालयों ने दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को नई दिशा दी है। ये पहलें स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि योगी सरकार जनजातीय बच्चों की शिक्षा को भविष्य निर्माण का सबसे मजबूत आधार मानती है।

मुख्यमंत्री ने बार-बार कहा है कि विकास की असली कसौटी भागीदारी है। पुलिस भर्ती में आरक्षित सभी सीटें पूरी तरह से भरी गई हैं, जो इस परिवर्तन का संकेत है। परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र योजना से ७०० से अधिक अभ्यर्थियों का चयन, साढ़े ६ हजार युवाओं को प्रशिक्षण और आठ उच्चस्तरीय केंद्रों की स्थापना ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए नई संभावनाएं खोली हैं।

विमुक्त और घुमंतू समुदायों को भी सरकार ने समान महत्व दिया है। नट, बंजारा, सांसी, कंजर, कालबेलिया जैसे समुदायों के लिए १०१ आश्रम पद्धति विद्यालय, ९ सर्वोदय विद्यालय और अनेक छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं। इन समुदायों को सामाजिक सुरक्षा, आवास और आजीविका से जोड़कर सरकार ने उन्हें सम्मानजनक जीवन की राह दिखाई है।

Point of View

मैं मानता हूं कि योगी सरकार का यह प्रयास महत्वपूर्ण है। जनजातीय समुदायों को मुख्य धारा में लाना और उनके अधिकारों की पुनर्स्थापना करना, वास्तव में हमारे समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है। यह बदलाव न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

योगी सरकार ने जनजातीय समुदायों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं बनाई हैं?
योगी सरकार ने वनाधिकार अधिनियम, मुख्यमंत्री आवास योजना, पीएम जनमन योजना और अन्य कई योजनाएं बनाई हैं जो जनजातीय समुदायों के जीवन को सुधारने का प्रयास कर रही हैं।
क्या इन योजनाओं का प्रभाव जनजातीय समाज पर पड़ा है?
हाँ, इन योजनाओं के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है, जिससे जनजातीय समुदायों के जीवन में सुधार आया है।
जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
सरकार ने थारू संग्रहालय और अन्य संग्रहालयों की स्थापना की है, जिससे जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करने और प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है।
विमुक्त और घुमंतू समुदायों के लिए क्या योजनाएं हैं?
सरकार ने विमुक्त और घुमंतू समुदायों के लिए आश्रम पद्धति विद्यालय और सर्वोदय विद्यालय स्थापित किए हैं, ताकि उन्हें शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा मिल सके।
इन पहलों का भविष्य क्या है?
इन पहलों से जनजातीय समाज को मुख्यधारा में लाने और उनके अधिकारों की पुष्टि करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की उम्मीद है।