क्या 93 प्रतिशत भारतीय कंपनियों को अगले तीन वर्षों में एआई निवेश पर सकारात्मक रिटर्न मिलने की उम्मीद है?
सारांश
Key Takeaways
- 93 प्रतिशत भारतीय कंपनियों की सकारात्मक रिटर्न की उम्मीद
- 2025 तक औसत 15 प्रतिशत एआई रिटर्न का अनुमान
- भारतीय व्यवसायों का 31 मिलियन डॉलर का निवेश
- उम्मीद की जा रही है कि एआई में निवेश 33 प्रतिशत बढ़ेगा
- भारत एआई टैलेंट पूल में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है
नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 93 प्रतिशत भारतीय कंपनियों को यह विश्वास है कि अगले तीन वर्षों में एआई में उनके निवेश पर सकारात्मक रिटर्न प्राप्त होगा, जो कि सर्वे किए गए सभी देशों में सबसे उच्चतम आत्मविश्वास स्तर को दर्शाता है। यह जानकारी सोमवार को एक रिपोर्ट में सामने आई।
जर्मन मल्टीनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी एसएपी द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियों ने 2025 तक अपने निवेश के लिए औसत 15 प्रतिशत एआई रिटर्न की उम्मीद जताई है। उनका अनुमान है कि आने वाले दो वर्षों में यह रिटर्न 31 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
भारतीय व्यवसाय इस वर्ष एआई में 31 मिलियन डॉलर का निवेश कर रहे हैं, जो 26.7 मिलियन डॉलर के वैश्विक औसत से भी अधिक है। इसमें कंपनियों का ध्यान सॉफ्टवेयर, इंफ्रास्ट्रक्चर, टैलेंट और कंसल्टिंग खर्च पर है।
संस्थानों द्वारा एआई में निवेश अगले दो वर्षों में 33 प्रतिशत के औसत से बढ़ने की संभावना है, जिससे इस वर्ष 15 प्रतिशत का आरओआई प्राप्त होगा।
एसएपी के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, फिलिप हर्जिग ने कहा, "एआई व्यवसायों के कार्य करने के तरीके को पूरी तरह से बदल रहा है, न केवल कार्यों को स्वचालित बनाने के साथ बल्कि यह महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में स्मार्ट और तेज निर्णय लेने में भी मदद कर रहा है।"
56 प्रतिशत भारतीय उत्तरदाता वर्तमान आरओआई से संतुष्ट हैं और 58 प्रतिशत को उम्मीद है कि एआई पहलें अन्य तकनीकी निवेशों से तेजी से सकारात्मक आरओआई प्रदान करेंगी।
एसएपी लैब्स इंडिया की एमडी और हेड सिंधु गंगाधरन ने कहा, "भारत में 6 लाख से अधिक पेशेवर हैं, जो वैश्विक एआई टैलेंट पूल में 16 प्रतिशत का योगदान करते हैं, जो देश को एक वास्तविक एआई पावरहाउस बनाता है।"
उन्होंने कहा कि डिजिटल टैलेंट की गहराई उद्यमों को प्रदर्शन में बदलाव करने में सक्षम बना रही है, जिसके साथ एआई को निर्णय, संचालन और ग्राहक अनुभव में शामिल किया जा रहा है।
यह रिपोर्ट 8 देशों के 1600 सीनियर लीडर्स के सर्वे पर आधारित है, जिसमें 200 उत्तरदाता भारत से थे।