क्या एविएशन नेटवर्क सामान्य हो रहा है? सुधारात्मक उपाय जारी रहेंगे : राम मोहन नायडू
सारांश
Key Takeaways
- एविएशन नेटवर्क तेजी से सामान्य हो रहा है।
- यात्रियों की सुविधाओं के लिए सुधारात्मक उपाय जारी हैं।
- इंडिगो ने 610 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया है।
- यात्रियों को सपोर्ट सेल के माध्यम से सहायता मिल रही है।
- उड़ानों के संचालन में वृद्धि देखी जा रही है।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने रविवार को बताया कि एविएशन नेटवर्क तेजी से सामान्य हो रहा है और परिचालन पूरी तरह से स्थिर होने तक सुधारात्मक उपाय जारी रहेंगे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की एक पोस्ट में कहा, "पिछले चार दिनों में एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की परेशानियों को कम करने के लिए लगातार कई पक्षों से बातचीत की गई है और इसके साथ रियल-टाइम में स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।"
पोस्ट में आगे बताया गया, "सभी ऑपरेटरों, हवाईअड्डा निदेशकों, ग्राउंड-हैंडलिंग एजेंसियों और अन्य सभी पक्षकारों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की गई हैं।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑपरेटरों को फंसे हुए यात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों का विशेष ध्यान रखने का निर्देश शामिल है।
इंडिगो को रद्दीकरण के बारे में यात्रियों को समय पर सूचित करने और रद्द या अत्यधिक विलंबित उड़ानों के लिए आज रात 8:00 बजे तक सभी रिफंड पूरे करने का निर्देश दिया गया है।
नागर विमानन मंत्रालय के मुताबिक, इंडिगो ने उड़ानों के रद्दीकरण के लिए अब तक यात्रियों को 610 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि एयरलाइन को रद्दीकरण से प्रभावित यात्रा को पुनर्निर्धारित करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क लगाने की अनुमति नहीं है।
बयान में कहा गया कि यात्रियों की सक्रिय सहायता के लिए समर्पित सपोर्ट सेल बनाए गए हैं ताकि रिफंड और पुनः बुकिंग संबंधी समस्याओं का समाधान बिना किसी देरी या असुविधा के किया जा सके।
इंडिगो की उड़ानों का संचालन शुक्रवार को 706 से बढ़कर शनिवार को 1,565 हो गया और रविवार के अंत तक इसके 1,650 तक पहुंचने की संभावना है। अन्य सभी घरेलू एयरलाइंस सुचारू रूप से और पूरी क्षमता से काम कर रही हैं।
साथ मंत्रालय ने इंडिगो को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह व्यवधानों के कारण यात्रियों से अलग किए गए सभी सामान का 48 घंटों के भीतर पता लगाकर उन्हें पहुंचा दे। पूरी प्रक्रिया के दौरान निरंतर संचार अनिवार्य है।