क्या भारत का कपड़ा निर्यात वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद वृद्धि पर है?

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क्या भारत का कपड़ा निर्यात वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद वृद्धि पर है?

सारांश

भारत के कपड़ा और परिधान क्षेत्र ने जुलाई में सकारात्मक वृद्धि के साथ अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया है। यह क्षेत्र रोजगार और आर्थिक विकास का प्रमुख चालक बना हुआ है। जानें कैसे यह वृद्धि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच संभव हो रही है।

Key Takeaways

  • भारत का कपड़ा निर्यात जुलाई में 3.1 अरब डॉलर तक पहुँचा।
  • रेडीमेड कपड़ों का निर्यात 4.75 प्रतिशत बढ़ा।
  • सरकार की योजनाओं का उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के कपड़ा और परिधान क्षेत्र ने जुलाई में सकारात्मक वृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया है, जिससे रोजगार, निर्यात और आर्थिक विकास के प्रमुख चालक के रूप में इस क्षेत्र की भूमिका को प्रमाणित किया गया है।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (डीजीसीआईएस) के अनुसार, जुलाई में प्रमुख कपड़ा वस्तुओं का निर्यात 3.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष इसी महीने के 2.94 अरब डॉलर की तुलना में सालाना आधार पर 5.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

अप्रैल-जुलाई 2025 की अवधि के लिए, संचयी कपड़ा निर्यात 12.18 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 11.73 अरब डॉलर के आंकड़े से 3.87 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

सेगमेंट-वाइज आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष जुलाई में रेडीमेड कपड़ों का निर्यात 1.34 अरब डॉलर रहा, जो जुलाई 2024 के 1.28 अरब डॉलर से 4.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इस वर्ष अप्रैल-जुलाई के लिए संचयी निर्यात 7.87 प्रतिशत बढ़कर 5.53 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 5.13 अरब डॉलर था।

सूती वस्त्र (सूती धागे, कपड़े, मेड-अप और हथकरघा) का निर्यात जुलाई 2024 के 970.5 मिलियन डॉलर से 5.2 प्रतिशत बढ़कर 1.02 अरब डॉलर हो गया। अप्रैल-जुलाई 2025 के लिए संचयी निर्यात 3.88 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष के 3.89 अरब डॉलर से लगभग अपरिवर्तित रहा।

कार्पेट निर्यात 8 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 133 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि हस्तशिल्प निर्यात में 10 प्रतिशत से अधिक की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई और जुलाई में यह 153.4 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

कपड़ा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि जुलाई 2025 में छह प्रमुख कपड़ा वस्तु समूहों का कुल निर्यात 3.1 अरब डॉलर को पार कर गया, जो मिश्रित वैश्विक व्यापार परिस्थितियों के प्रति मजबूती दर्शाता है। रेडीमेड गारमेंट्स, जूट, कालीन और हस्तशिल्प की निरंतर मांग ने विकास की गति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

बयान में आगे कहा गया है कि उद्योग का प्रदर्शन भारत की विविध उत्पाद क्षमता को दर्शाता है, जो कपास और एमएमएफ-आधारित वस्त्रों से लेकर पारंपरिक हस्तशिल्प और पर्यावरण-अनुकूल जूट तक फैली हुई है।

इसके अलावा, आरओएससीटीएल, आरओडीटीईपी, वस्त्रों के लिए पीएलआई, पीएम मित्र पार्क और नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन जैसी योजनाओं के अंतर्गत उठाए गए कदम इस क्षेत्र को आधुनिक बनाने, इनोवेशन करने और विविधीकरण करने में सक्षम बना रहे हैं।

Point of View

जो भारत की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। यह न केवल रोजगार सृजन में सहायक है, बल्कि निर्यात में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत का कपड़ा निर्यात कब से बढ़ रहा है?
भारत का कपड़ा निर्यात जुलाई 2025 में सकारात्मक वृद्धि दिखा रहा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.3 प्रतिशत बढ़ा है।
कपड़ा निर्यात में कौन-सी वस्तुएं शामिल हैं?
कपड़ा निर्यात में प्रमुख वस्तुएं जैसे रेडीमेड कपड़े, सूती वस्त्र, कार्पेट और हस्तशिल्प शामिल हैं।
क्या सरकार कपड़ा उद्योग के लिए कोई योजनाएं चला रही है?
हाँ, सरकार ने आरओएससीटीएल, आरओडीटीईपी और पीएम मित्र पार्क जैसी योजनाएं शुरू की हैं, जो कपड़ा उद्योग को आधुनिक बनाने में मदद कर रही हैं।