क्या भारत का सर्विसेज ट्रेड सरप्लस वित्त वर्ष 26 में 205-207 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है?

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क्या भारत का सर्विसेज ट्रेड सरप्लस वित्त वर्ष 26 में 205-207 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है?

सारांश

भारत का सर्विसेज ट्रेड सरप्लस वित्त वर्ष 26 में 205-207 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, भले ही अमेरिकी टैरिफ का दबाव बना रहे। चालू खाता घाटा भी घट रहा है, लेकिन व्यापार घाटे में वृद्धि की चेतावनी है। जानिए इस रिपोर्ट में और क्या खास है।

Key Takeaways

  • भारत का सर्विसेज ट्रेड सरप्लस 205-207 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
  • चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 2.4 अरब डॉलर रह गया।
  • व्यापार घाटा में वृद्धि की चेतावनी है।
  • अमेरिकी टैरिफ का निर्यात पर प्रभाव पड़ सकता है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार 691 अरब डॉलर है।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका द्वारा भारत के व्यापारिक निर्यात पर टैरिफ लगाने के बावजूद, देश का सर्विसेज ट्रेड सरप्लस वित्त वर्ष 26 में 205-207 अरब डॉलर तक पहुँचने की संभावना है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई है जो बुधवार को जारी की गई।

वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में चालू खाता घाटा तेजी से घटकर 2.4 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) रह गया, जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में दर्ज 8.6 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) के घाटे से काफी कम है।

आईसीआरए की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि यह जीडीपी का 0.7 प्रतिशत के पूर्व अनुमान से भी कम है, जिसे रेमिटेंस में सुधार और हाई सर्विसेज ट्रेड सरप्लस से सहायता मिली है।

वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सर्विसेज से आय सालाना आधार पर 19.9 प्रतिशत बढ़कर 66.1 अरब डॉलर हो गई, जिसने 68.5 अरब डॉलर के व्यापारिक घाटे की भरपाई कर दी है।

आईसीआरए ने चेतावनी दी है कि व्यापारिक घाटे में तेज वृद्धि के कारण चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 13-15 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.5 प्रतिशत) हो सकता है।

आईसीआरए के अनुसार, हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ के कारण भारत के निर्यात, विशेष रूप से कपड़ा, हीरे, सी-फूड और चमड़े पर दबाव पड़ने की आशंका है।

अगर ये टैरिफ पूरे वित्तीय वर्ष में लागू रहते हैं, तो वित्त वर्ष 26 का चालू खाता घाटा जीडीपी के 1 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा, जबकि वित्त वर्ष 25 में यह 0.6 प्रतिशत था।

आईसीआरए की रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में निकासी के बाद, वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में भारत में 8.1 अरब डॉलर का शुद्ध वित्तीय प्रवाह देखा गया। हालांकि, आरक्षित परिसंपत्ति अभिवृद्धि वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के 8.8 अरब डॉलर से घटकर 4.5 अरब डॉलर रह गई।

22 अगस्त तक विदेशी मुद्रा भंडार 691 अरब डॉलर था। 2025 में (1 सितंबर तक) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई।

आईसीआरए को उम्मीद है कि निकट भविष्य में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य 87.0-89.0 के दायरे में रहेगा।

आउटलुक पर रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू खाते के घाटे की दिशा अमेरिका के साथ टैरिफ-संबंधी घटनाक्रमों पर निर्भर करेगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। हालांकि, अमेरिका के टैरिफ का असर हमारे निर्यात पर पड़ सकता है, लेकिन सर्विसेज सेक्टर में बढ़ती आय और कम होते चालू खाता घाटे से हमें एक नई दिशा मिल सकती है। हमें इस दिशा में लगातार प्रयास जारी रखने की आवश्यकता है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत का सर्विसेज ट्रेड सरप्लस कितना है?
भारत का सर्विसेज ट्रेड सरप्लस वित्त वर्ष 26 में 205-207 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
चालू खाता घाटा क्या है?
चालू खाता घाटा वह अंतर है जो देश के निर्यात और आयात के बीच होता है।
अमेरिकी टैरिफ का भारत पर क्या असर है?
अमेरिकी टैरिफ के कारण भारत के निर्यात, विशेष रूप से कपड़ा और हीरे पर दबाव पड़ सकता है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार कितना है?
22 अगस्त तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 691 अरब डॉलर था।
आईसीआरए की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
आईसीआरए की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 26 में 2.4 अरब डॉलर रह गया है।