क्या भारत के एविएशन सेक्टर में पिछले 5 वर्षों में 96,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- भारत के एविएशन सेक्टर में 96,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है।
- केंद्रीय मंत्री के अनुसार, 162 ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स हैं।
- आरसीएस योजना ने 637 नए मार्ग चालू किए हैं।
- हवाई यात्रा में 9% की सालाना वृद्धि हुई है।
- नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स के विकास के लिए नीति बनाई गई है।
नई दिल्ली, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने अपने पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) वेंचर्स के माध्यम से वित्त वर्ष २०१९-२० से लेकर वित्त वर्ष २०२४-२५ के बीच भारत के एविएशन सेक्टर में कुल ९६,००० करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह जानकारी केंद्रीय नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने संसद में दी।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में देश में हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम समेत १६२ कार्यात्मक एयरपोर्ट्स मौजूद हैं। वर्ष २०२४-२५ के दौरान, भारतीय एयरपोर्ट्स पर कुल ४१.२ करोड़ यात्रियों का आवागमन हुआ, जिसमें ७.७ करोड़ अंतरराष्ट्रीय और ३३.५ करोड़ घरेलू यात्री शामिल हैं, और यह संख्या सालाना आधार पर ९ प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। इस दौरान, शेड्यूल्ड भारतीय ऑपरेटरों ने ८३५ घरेलू और २५१ अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर अपनी सेवाएं दीं।
नायडू ने बताया कि २०१६ में, नागर विमानन मंत्रालय ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देने, हवाई यात्रा को किफायती बनाने और क्षेत्रीय विकास को मजबूत करने के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम-उड़े देश का आम नागरिक (आरसीएस-उड़ान) को आरंभ किया था।
इस योजना के तहत, ६३७ आरसीएस मार्ग चालू किए गए हैं, जो ९२ अप्रयुक्त और कम उपयोग वाले एयरपोर्ट्स को जोड़ते हैं, जिनमें १५ हेलीपोर्ट और २ वाटर एयरोड्रोम शामिल हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा एयरपोर्ट्स पर इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं का आधुनिकीकरण और विस्तार एएआई या संबंधित एयरपोर्ट संचालकों द्वारा किया जाता है, जो यातायात की मांग, वाणिज्यिक व्यवहार्यता, भूमि की उपलब्धता, विमान सुरक्षा की परिचालन आवश्यकताओं और एयरलाइनों की मांग पर निर्भर करता है।
सरकार ने नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स के विकास के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स (जीएफए) नीति, २००८ भी तैयार की है। इस नीति के तहत, यदि राज्य सरकार या कोई एयरपोर्ट डेवलपर एयरपोर्ट विकसित करना चाहता है, तो उसे एक उपयुक्त स्थल की पहचान करनी होगी और एयरपोर्ट के निर्माण के लिए पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन करवाना होगा तथा केंद्र सरकार को प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र को ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नीति, २००८ के तहत महाराष्ट्र के पालघर या मध्य प्रदेश के पचमढ़ी या मटकुली में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए संबंधित राज्य सरकार या किसी भी एयरपोर्ट डेवलपर से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।