क्या केंद्र ने सीएसआईसी 1.0 लॉन्च किया, जिससे भारत के साइबर सुरक्षा इकोसिस्टम को मजबूती मिलेगी?
सारांश
Key Takeaways
- सीएसआईसी 1.0 का लॉन्च भारत के साइबर सुरक्षा इकोसिस्टम को सशक्त करेगा।
- छात्रों को नवाचार और उद्यमिता की मानसिकता विकसित करने में मदद मिलेगी।
- यह पहल घरेलू समाधान को प्रोत्साहित करती है।
- साइबर सुरक्षा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया जाएगा।
- यह एक महत्वपूर्ण मंच है जो अनुसंधान और शिक्षा को एकजुट करता है।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, भारत के साइबर सुरक्षा इकोसिस्टम को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में इंफोर्मेशन सिक्योरिटी एजुकेशन एंड अवेयरनेस (आईएसईए) प्रोजेक्ट के तहत साइबर सुरक्षा इनोवेशन चैलेंज (सीएसआईसी) 1.0 का शुभारंभ किया गया है।
एमईआईटीवाई के सचिव एस कृष्णन ने कॉन्सेप्ट वीडियो, वेबसाइट, रजिस्ट्रेशन पोर्टल और सीएसआईसी 1.0 की नियम पुस्तिका का अनावरण किया।
एस कृष्णन ने दो-आयामी राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए उभरते खतरों के प्रति जागरूकता और तकनीकी क्षमताओं को सशक्त बनाने की बात की।
उन्होंने यह भी बताया कि सीएसआईसी 1.0 इन दोनों आवश्यकताओं को पूरा करता है। यह पहल छात्रों को वास्तविक दुनिया की साइबर सुरक्षा चुनौतियों से परिचित कराती है। यह न केवल कुशल पेशेवरों का निर्माण करती है, बल्कि साइबर सुरक्षा को एक व्यवहारिक करियर पथ के रूप में भी स्थापित करती है, साथ ही घरेलू, उत्पाद-उन्मुख समाधान को भी प्रोत्साहित करती है, जो भारत की साइबर सुरक्षा को मजबूत करते हैं।
डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के CEO विनायक गोडसे ने कहा कि यह अनूठी पहल छात्रों और शोधकर्ताओं को शुरुआत से ही नवाचार करने और उद्यमिता की मानसिकता विकसित करने में सक्षम बनाती है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने बताया कि आईएसईए परियोजना के अंतर्गत नवाचार चुनौती, मुख्य चुनौतियों की बेहतर समझ को उजागर करती है और हमें परिवर्तनकारी समाधान विकसित करने की दिशा में अग्रसर करती है।
सीईआरटी-इन के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने नवाचार को बढ़ावा देने में आईएसईए की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह नवाचार चुनौती अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा और उद्योग को एकजुट करने का एक महत्वपूर्ण मंच तैयार करती है।
उन्होंने कहा, "साइबर सुरक्षा में 'आत्मनिर्भरता' का निर्माण पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है, क्योंकि देश का डिजिटल परिवर्तन हमारे अपने संस्थानों से नवाचार की मांग करता है।"