क्या भारत की औद्योगिक विकास दर अगस्त में 4 प्रतिशत तक पहुँच गई?

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क्या भारत की औद्योगिक विकास दर अगस्त में 4 प्रतिशत तक पहुँच गई?

सारांश

भारत की औद्योगिक विकास दर अगस्त में 4 प्रतिशत तक पहुँच गई है। यह माइनिंग सेक्टर के उत्साहजनक प्रदर्शन का परिणाम है। जानिए इस वृद्धि का अर्थ और इसके पीछे के कारण।

Key Takeaways

  • औद्योगिक विकास दर: 4 प्रतिशत
  • माइनिंग सेक्टर: 6 प्रतिशत की वृद्धि
  • मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर: 3.8 प्रतिशत की ग्रोथ
  • कैपिटल गुड्स: 4.4 प्रतिशत की वृद्धि
  • इंफ्रास्ट्रक्चर: 10.6 प्रतिशत की डबल डिजिट ग्रोथ

नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की औद्योगिक विकास दर इस वर्ष अगस्त में 4 प्रतिशत रही है, जैसा कि सांख्यिकी मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया है। यह वृद्धि माइनिंग सेक्टर की प्रभावशाली परफॉर्मेंस के कारण हुई है।

यह विकास दर लगातार दूसरे महीने में बढ़ी है। जुलाई में यह 3.5 प्रतिशत पर पहुँच गई थी, जो चार महीने का उच्चतम स्तर था, जबकि जून में यह 1.5 प्रतिशत थी।

माइनिंग सेक्टर ने पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में अगस्त में 6 प्रतिशत की शानदार ग्रोथ दिखाई। यह वृद्धि जुलाई में भारी बारिश से उत्पादन में आई कमी की भरपाई करने में सहायक रही।

आंकड़ों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने अगस्त में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। यह सेक्टर देश के विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थानों से निकलने वाले युवा ग्रेजुएट्स को रोजगार के अवसर प्रदान करता है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 23 में से 10 इंडस्ट्री ग्रुप ने अगस्त में सकारात्मक वृद्धि दिखाई। 'बेसिक मेटल' सेक्टर ने 12.2 प्रतिशत की डबल डिजिट ग्रोथ हासिल की, जबकि 'मोटर वाहन, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर' ने 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई।

अगस्त में बिजली उत्पादन में भी वृद्धि हुई है, जो जुलाई के 0.6 प्रतिशत से बढ़कर अगस्त में 4.1 प्रतिशत हो गई।

उपयोग के आधार पर वर्गीकरण के आंकड़ों से पता चलता है कि कैपिटल गुड्स का उत्पादन अगस्त में 4.4 प्रतिशत बढ़ा। यह उत्पादन उन मशीनों को शामिल करता है, जिनका उपयोग फैक्ट्रियों में होता है।

यह सेगमेंट अर्थव्यवस्था में वास्तविक निवेश को दर्शाता है, जो भविष्य में नौकरियों और आय सृजन पर व्यापक प्रभाव डालता है।

रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और टीवी जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन भी अगस्त में 3.5 प्रतिशत बढ़ा, जो आय में वृद्धि के साथ इन उत्पादों की मांग में वृद्धि को दर्शाता है।

इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर ने अगस्त में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 10.6 प्रतिशत की डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की। इसका कारण हाईवे, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्रों में सरकार की बड़ी परियोजनाओं का कार्यान्वयन था।

Point of View

जो देश की आर्थिक स्थिरता को सुदृढ़ करेगा।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत की औद्योगिक विकास दर क्यों बढ़ी है?
भारत की औद्योगिक विकास दर माइनिंग सेक्टर की बेहतरीन परफॉर्मेंस के कारण बढ़ी है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का योगदान क्या है?
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 3.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो रोजगार के अवसरों में मददगार है।
कैपिटल गुड्स का उत्पादन किस प्रकार बढ़ा?
कैपिटल गुड्स का उत्पादन अगस्त में 4.4 प्रतिशत बढ़ा है, जो औद्योगिक मशीनों में उपयोग होता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में क्या प्रगति हुई है?
इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर ने 10.6 प्रतिशत की डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की है।
आर्थिक वृद्धि का भविष्य में क्या प्रभाव होगा?
यह वृद्धि भविष्य में रोजगार और आय सृजन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।