क्या भारत की 85 प्रतिशत कंपनियां अगले दो वर्षों में अपने ऑफिस पोर्टफोलियो को बढ़ाने की योजना बना रही हैं?

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क्या भारत की 85 प्रतिशत कंपनियां अगले दो वर्षों में अपने ऑफिस पोर्टफोलियो को बढ़ाने की योजना बना रही हैं?

सारांश

भारत की 85 प्रतिशत कंपनियां अगले दो वर्षों में अपने ऑफिस पोर्टफोलियो को बढ़ाने की योजना बना रही हैं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के 73 प्रतिशत से बढ़कर आया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ऑफिस स्पेस की मांग में तेजी आ रही है। जानिए इसके पीछे के कारण और सेक्टर्स की भूमिका।

Key Takeaways

  • 85 प्रतिशत कंपनियों का ऑफिस पोर्टफोलियो बढ़ाने का लक्ष्य।
  • वर्कस्पेस की बढ़ती मांग के पीछे ऑफिस फर्स्ट पॉलिसी है।
  • 2023-2024 में 86 प्रतिशत का ऑफिस लीजिंग में इजाफा।
  • लगभग 94 प्रतिशत कंपनियां ऑफिस में हाजिरी को बढ़ावा दे रही हैं।
  • जीसीसी की भूमिका ऑफिस स्पेस की मांग में महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की 85 प्रतिशत कंपनियां अगले दो वर्षों में अपने ऑफिस पोर्टफोलियो को बढ़ाने की योजना पर काम कर रही हैं, जबकि पिछले वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 73 प्रतिशत था। यह जानकारी मंगलवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में सामने आई।

सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड की रिपोर्ट के अनुसार, अगले दो वर्षों में वर्कस्पेस की मांग को ऑफिस फर्स्ट पॉलिसी और सख्त हाइब्रिड अरेंजमेंट से समर्थन मिलने की उम्मीद है।

2018-19 की कोरोना से पहले की अवधि की तुलना में, घरेलू कंपनियों ने 2023-2024 के दौरान ऑफिस लीजिंग में 86 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की है।

रिपोर्ट से पता चलता है कि लगभग 94 प्रतिशत कंपनियां चाहती हैं कि उनके कर्मचारी हफ्ते में कम से कम तीन दिन ऑफिस से काम करें। इसके अलावा, सर्वेक्षण में शामिल 52 प्रतिशत कंपनियों की नीति पूरी तरह से ऑफिस से काम करने की है, जबकि 2024 में यह केवल 36 प्रतिशत थी।

भारत में फ्लेक्सिबल स्पेस के अलावा, वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) ऑफिस स्पेस की मजबूत मांग को बढ़ावा दे रहे हैं, जो हाल के वर्षों में टोटल एनुअल अब्सॉर्प्शन में 35-40 प्रतिशत शेयर को दिखाता है।

सर्वेक्षण में शामिल लगभग 65 प्रतिशत जीसीसी अगले दो वर्षों में अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर सकते हैं, जिसमें बीएफएसआई, लाइफ साइंस, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग प्रमुख सेक्टर के रूप में उभर रहे हैं।

जीसीसी एवरेज डील का आकार भी 2024 के 91,000 वर्ग फुट से बढ़कर 2025 की पहली छमाही में 108,000 वर्ग फुट हो गया है।

फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस ऑपरेटर्स ने भारत के ऑफिस लीजिंग परिदृश्य में अपनी स्थिति को मजबूती से स्थापित कर लिया है।

सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के अध्यक्ष और सीईओ अंशुमान मैगजीन ने कहा, "भारत का ऑफिस मार्केट एक निर्णायक दशक में प्रवेश कर रहा है। ऑक्यूपायर्स फ्यूचर-रेडी, हाई परफॉर्मेंस वर्कस्पेस की मांग कर रहे हैं, इसलिए उद्योग को रणनीतिक अपग्रेड्स, सस्टेनेबिलिटी-ड्रिवन रेट्रोफिट और डिजिटली इंटीग्रेटेड इकोसिस्टम के साथ प्रतिक्रिया देनी चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा कि विकास की अगली लहर न केवल एक ग्लोबल ऑफिस हब के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि रियल एस्टेट लाइफसाइकल में दीर्घकालिक मूल्य को भी उजागर करेगी।

सर्वे रिपोर्ट में इस गति के जारी रहने की उम्मीद के संकेत मिलते हैं। साथ ही, आगामी दो वर्षों में अपने पोर्टफोलियो के 25-50 प्रतिशत को फ्लेक्सिबल स्पेस में अलोकेट करने वाली कंपनियों की संख्या दोगुने से भी अधिक बढ़ने की संभावना है।

सीबीआरई इंडिया के लीजिंग मैनेजिंग डायरेक्टर राम चंदनानी ने कहा कि जीसीसी और भारतीय ऑक्यूपायर्स देश के ऑफिस सेक्टर के अगले अध्याय को आकार दे रहे हैं।

Point of View

बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत की कंपनियों का ऑफिस स्पेस बढ़ाने का कारण क्या है?
कंपनियों का ऑफिस स्पेस बढ़ाने का मुख्य कारण ऑफिस फर्स्ट पॉलिसी और हाइब्रिड वर्किंग मॉडल है।
क्या फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस का विस्तार हो रहा है?
हां, रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस की मांग में वृद्धि हो रही है।
भारतीय कंपनियों का ऑफिस लीजिंग में क्या बदलाव आ रहा है?
2023-2024 में ऑफिस लीजिंग में 86 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
जीसीसी का ऑफिस स्पेस पर क्या प्रभाव है?
जीसीसी ऑफिस स्पेस की मांग को बढ़ावा दे रहे हैं, जो कुल एनुअल अब्सॉर्प्शन में महत्वपूर्ण हिस्सा है।
कंपनियों की ऑफिस में काम करने की नीति क्या है?
लगभग 94 प्रतिशत कंपनियां चाहती हैं कि कर्मचारी हफ्ते में कम से कम तीन दिन ऑफिस में काम करें।