क्या भारत की एमएंडए एक्टिविटी 2025 की पहली छमाही में 61.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई?

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क्या भारत की एमएंडए एक्टिविटी 2025 की पहली छमाही में 61.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई?

सारांश

भारत की विलय और अधिग्रहण गतिविधियाँ 2025 की पहली छमाही में 61.3 बिलियन डॉलर तक पहुँच गईं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। जानिए इसके पीछे के कारण और भविष्य में क्या संभावनाएँ हैं।

Key Takeaways

  • भारत की एमएंडए गतिविधियाँ 2025 की पहली छमाही में 61.3 बिलियन डॉलर तक पहुँचीं।
  • यह 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
  • घरेलू एमएंडए में 138 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • बिजली क्षेत्र में 20.5 बिलियन डॉलर के सौदे हुए।
  • निवेश बैंकिंग शुल्क 653.8 मिलियन डॉलर तक पहुँचा।

नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । 2025 की पहली छमाही में भारत की विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) गतिविधियाँ अत्यधिक मजबूत रहीं, जिसमें कुल सौदों का मूल्य 61.3 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में साझा की गई।

एलएसईजी के लेटेस्ट इंडिया इन्वेस्टमेंट बैंकिंग रिव्यू के अनुसार, यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 50 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है और 2022 के बाद से पहली छमाही का सबसे अधिक आंकड़ा है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एमएंडए लेनदेन की संख्या में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो बाजार में निरंतर गति का संकेत देता है। यह वृद्धि डोमेस्टिक कंसोलिडेशन और एनर्जी ट्रांजिशन प्रयासों के कारण हुई।

फाइनेंशियल स्पॉनसर्स ने विशेष रूप से इंश्योरेंस, टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एलएसईजी डील्स इंटेलिजेंस में वरिष्ठ प्रबंधक एलेन टैन ने कहा कि भारत की एमएंडए वृद्धि कई कारकों से प्रेरित है, जिसमें देश में रिन्यूएबल एनर्जी के लिए जोर और प्रमुख क्षेत्रों में संरचनात्मक परिवर्तन शामिल हैं।

उन्होंने कहा, "ऊर्जा एवं बिजली क्षेत्र ने 20.5 बिलियन डॉलर के सौदों के साथ बढ़त हासिल की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16 गुना से अधिक की वृद्धि है।"

भारतीय परिचालन से निवेश बैंकिंग शुल्क 2025 की पहली छमाही में 653.8 मिलियन डॉलर तक पहुँच गया, जो एक वर्ष पहले की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है।

इक्विटी कैपिटल मार्केट (ईसीएम) अंडरराइटिंग से शुल्क 272.7 मिलियन डॉलर रहा, जबकि डेट कैपिटल मार्केट (डीसीएम) अंडरराइटिंग से 131.7 मिलियन डॉलर की कमाई हुई।

सिंडिकेटेड लेंडिंग शुल्क 66 प्रतिशत बढ़कर 90.1 मिलियन डॉलर हो गया, और एमएंडए सलाहकार शुल्क 56 प्रतिशत बढ़कर 159.3 मिलियन डॉलर हो गया।

घरेलू एमएंडए विशेष रूप से मजबूत रहा, जो सालाना आधार पर 138 प्रतिशत बढ़कर 44.8 बिलियन डॉलर हो गया।

इस बीच, इनबाउंड एमएंडए 10.1 बिलियन डॉलर पर नौ वर्ष के निचले स्तर पर आ गया, जबकि आउटबाउंड एमएंडए 74 प्रतिशत बढ़कर 5.8 बिलियन डॉलर हो गया।

भारत के साथ आउटबाउंड और इनबाउंड क्रॉस-बॉर्डर सौदों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे सक्रिय देश बना रहा। निजी इक्विटी समर्थित एमएंडए सौदे 11.6 बिलियन डॉलर तक पहुँच गए, जो पिछले वर्ष से 85.7 प्रतिशत की वृद्धि है।

रिपोर्ट के अनुसार, फाइनेंशियल और हेल्थकेयर ने क्रमशः 8.8 बिलियन डॉलर और 6.5 बिलियन डॉलर का योगदान दिया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की एमएंडए गतिविधियाँ न केवल आर्थिक स्थिरता को दर्शाती हैं, बल्कि वैश्विक निवेशकों का विश्वास भी जगाती हैं। यह वृद्धि देश की रिन्यूएबल एनर्जी पहलों और घरेलू बाजार में सकारात्मक बदलावों का परिणाम है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत में एमएंडए गतिविधियाँ क्यों बढ़ी हैं?
भारत में एमएंडए गतिविधियाँ घरेलू कंसोलिडेशन और एनर्जी ट्रांजिशन प्रयासों के कारण बढ़ी हैं।
इस वर्ष एमएंडए सौदों का कुल मूल्य कितना है?
इस वर्ष के पहले छह महीनों में एमएंडए सौदों का कुल मूल्य 61.3 बिलियन डॉलर है।
भारत में कौन से क्षेत्र में एमएंडए की वृद्धि हुई है?
भारत में इंश्योरेंस, टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर क्षेत्रों में विशेष रूप से एमएंडए की वृद्धि हुई है।
आउटबाउंड एमएंडए का मूल्य क्या है?
आउटबाउंड एमएंडए का मूल्य 5.8 बिलियन डॉलर है, जो 74 प्रतिशत बढ़ा है।
इनबाउंड एमएंडए का क्या हाल है?
इनबाउंड एमएंडए 10.1 बिलियन डॉलर पर नौ वर्ष के निचले स्तर पर है।