क्या इस वर्ष अप्रैल-जून में भारत में वेंचर कैपिटल निवेश 355 सौदों के जरिए 3.5 अरब डॉलर तक पहुंचा?

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क्या इस वर्ष अप्रैल-जून में भारत में वेंचर कैपिटल निवेश 355 सौदों के जरिए 3.5 अरब डॉलर तक पहुंचा?

सारांश

भारत में वेंचर कैपिटल निवेश ने एक नई ऊंचाई हासिल की है, जिससे यह 2025 की दूसरी तिमाही में 3.5 अरब डॉलर तक पहुँच गया। जानिए इसके पीछे के कारण और प्रमुख क्षेत्रों के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत में वेंचर कैपिटल निवेश 2025 की दूसरी तिमाही में 3.5 अरब डॉलर तक पहुँच गया।
  • फिनटेक, हेल्थ-टेक और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में उच्च निवेश देखा गया।
  • वैश्विक निवेश में कमी आई, पर भारत में स्थिति मजबूत रही।
  • अमेरिका ने वैश्विक वीसी निवेश का 70% आकर्षित किया।
  • एशिया में निवेश में कमी आई है, लेकिन भारत में वृद्धि जारी है।

नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । इस वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत में वेंचर कैपिटल (वीसी) निवेश 355 सौदों के माध्यम से 3.5 अरब डॉलर तक पहुँच गया है, जबकि पिछली तिमाही में यह 456 सौदों के जरिए 2.8 अरब डॉलर था। यह जानकारी एक रिपोर्ट में साझा की गई।

केपीएमजी की रिपोर्ट 'वेंचर पल्स 2025 की दूसरी तिमाही' में बताया गया है कि इस दौरान, फिनटेक क्षेत्र निवेश के लिए सबसे पसंदीदा बना रहा।

केपीएमजी के नितीश पोद्दार ने कहा, "भारत के वेंचर कैपिटल परिदृश्य ने दूसरी तिमाही में मजबूती दिखाई है, और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद फंडिंग में वृद्धि हुई है। फिनटेक, हेल्थ-टेक और लॉजिस्टिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों ने निवेशकों की गहरी रुचि दिखाई है, जो भारत की इनोवेशन क्षमता में विश्वास को दर्शाता है।"

पोद्दार ने यह भी कहा कि तिमाही का प्रदर्शन क्षेत्र के स्टार्टअप इकोसिस्टम को आकार देने में देश की बढ़ती भूमिका को उजागर करता है।

इस बीच, वैश्विक उद्यम पूंजी निवेश 2025 की पहली तिमाही में 128.4 अरब डॉलर से घटकर इस तिमाही में 101.05 अरब डॉलर रह गया है।

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरावट के बावजूद, दूसरी तिमाही भू-राजनीतिक संघर्षों, व्यापार तनावों और व्यापक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद अपेक्षाकृत मजबूत रही।

वीसी निवेशकों का ध्यान मुख्यतः बड़े पैमाने के अवसरों पर केंद्रित रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका एआई में वैश्विक वीसी निवेश में अग्रणी है, और इस क्षेत्र में 1 अरब डॉलर से अधिक के सौदे आकर्षित कर रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने 2025 की दूसरी तिमाही के दौरान वैश्विक वीसी निवेश का लगभग 70 प्रतिशत आकर्षित किया। एआई, डिफेंस टेक और स्पेस टेक क्षेत्रों में पांच सबसे बड़े सौदे हुए हैं।

डिफेंस-टेक-केंद्रित एआई कंपनियों ने दुनिया के अन्य हिस्सों में भी धन जुटाया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान डिफेंस टेक और एआई वीसी निवेश के सबसे लोकप्रिय क्षेत्र थे, लेकिन फिनटेक में भी वैश्विक वीसी निवेशकों की रुचि में एक नई लहर देखी गई।

केपीएमजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप में वीसी निवेश 2025 की दूसरी तिमाही में लगभग 14.6 अरब डॉलर पर स्थिर रहा, जो 2025 की पहली तिमाही के 16.3 अरब डॉलर से थोड़ा कम है, हालांकि सौदों की संख्या 2,358 से घटकर 1,733 रह गई।

साथ ही, एशिया में वेंचर कैपिटल निवेश बहुत कमजोर रहा, हालाँकि कुल निवेश 2025 की पहली तिमाही के 12.6 अरब डॉलर से बढ़कर 12.8 अरब डॉलर हो गया, जो एक दशक से भी अधिक समय में दूसरा सबसे निचला स्तर है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया में सौदों की संख्या 2025 की पहली तिमाही के 2,663 से घटकर 2025 की दूसरी तिमाही में केवल 2,022 रह गई।

-राष्ट्र प्रेस

Point of View

जो न केवल आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी मजबूत बनाता है। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत ने निवेशकों का विश्वास जीतने में सफलता पाई है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत में वेंचर कैपिटल निवेश के मुख्य क्षेत्र कौन से हैं?
फिनटेक, हेल्थ-टेक और लॉजिस्टिक्स प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें निवेशकों की रुचि बढ़ी है।
क्या वैश्विक निवेश में कमी आई है?
हां, वैश्विक उद्यम पूंजी निवेश में कमी आई है, लेकिन भारत में यह मजबूत बना हुआ है।
भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में क्या बदलाव आया है?
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।