क्या एनएसएम के तहत 40 पेटाफ्लॉप कंप्यूटिंग क्षमता वाले 37 सुपरकंप्यूटर स्थापित हुए हैं?

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क्या एनएसएम के तहत 40 पेटाफ्लॉप कंप्यूटिंग क्षमता वाले 37 सुपरकंप्यूटर स्थापित हुए हैं?

सारांश

केंद्र सरकार ने एनएसएम के तहत 37 सुपरकंप्यूटर स्थापित किए हैं, जो 40 पेटाफ्लॉप कंप्यूटिंग क्षमता के साथ शोधकर्ताओं को नई ऊँचाइयाँ प्रदान कर रहे हैं। जानिए इन सुपरकंप्यूटरों का क्या महत्व है।

Key Takeaways

  • एनएसएम के तहत 37 सुपरकंप्यूटर स्थापित किए गए हैं।
  • 40 पेटाफ्लॉप कंप्यूटिंग क्षमता से लैस।
  • शोधकर्ताओं को उन्नत सुविधाएं मिलेंगी।
  • औषधि खोज और जलवायु मॉडलिंग में उपयोगी।
  • स्वदेशी तकनीक से बने हैं।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार का उद्देश्य शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं की पहुँच प्रदान करना, बड़ी चुनौतियों का समाधान निकालना, निवेश को अनुकूलित करना और सुपरकंप्यूटिंग तकनीक के प्रमुख क्षेत्रों में वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाना है। इसी दिशा में नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत 12 अगस्त तक 40 पेटाफ्लॉप कंप्यूटिंग क्षमता वाले कम से कम 37 सुपरकंप्यूटर स्थापित किए जा चुके हैं।

ये सिस्टम आईआईएससी, आईआईटी, सी-डैक, और आरएंडडी लैब्स जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ-साथ देशभर के टियर 2 और टियर 3 शहरों में कई शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान संगठनों में स्थापित किए गए हैं।

इन सिस्टम का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है, जिनमें से अधिकांश 85 प्रतिशत से अधिक क्षमता पर और कई 95 प्रतिशत से अधिक क्षमता पर कार्य कर रही हैं।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि इन सुपरकंप्यूटरों ने 200 से अधिक शैक्षणिक और शोध संस्थानों के 1,700 से अधिक पीएचडी शोधार्थियों सहित 10,000 से अधिक शोधकर्ताओं को सहायता प्रदान की है।

राज्य मंत्री ने कहा, "इन सुपरकंप्यूटरों ने औषधि खोज, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु मॉडलिंग, खगोल विज्ञान, कम्प्यूटेशनल रसायन विज्ञान, फ्लूड डायनामिक्स, और मटेरियल रिसर्च जैसे क्षेत्रों में रिसर्च को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक करोड़ से अधिक कम्प्यूटिंग कार्य पूरे हो चुके हैं और इसके परिणामस्वरूप 1,500 से अधिक शोध पत्र प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। स्टार्टअप और एमएसएमई भी अपनी एचपीसी-आधारित परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए इन सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं।"

एनएसएम के तहत, सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ एक इकोसिस्टम स्थापित किया गया है, जिसमें सुपरकंप्यूटिंग सर्वर बोर्डों के डिजाइन, विकास और निर्माण के साथ-साथ एक संपूर्ण सिस्टम सॉफ्टवेयर स्टैक और संबंधित अनुप्रयोगों का निर्माण शामिल है।

राज्य मंत्री ने कहा, "भारत अब स्वदेशी रूप से सुपरकंप्यूटिंग तकनीकों को डिजाइन, विकसित और निर्मित करने में सक्षम है। यह दृष्टिकोण प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।"

परम 'रुद्र' सुपरकंप्यूटर स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सर्वर के साथ-साथ स्वदेशी रूप से विकसित सिस्टम सॉफ्टवेयर स्टैक का उपयोग कर बनाए गए हैं, जिन्हें 'रुद्र' के नाम से जाना जाता है।

'रुद्र' सर्वर भारत में अपनी तरह का पहला सर्वर है, जो विश्व स्तर पर उपलब्ध दूसरे एचपीसी श्रेणी के सर्वरों के बराबर है। इन सर्वरों का निर्माण भारत में स्थानीय निर्माताओं द्वारा किया जा रहा है, जिससे स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों को बढ़ावा मिल रहा है।

इसके समानांतर, एनएसएम के तहत, कंप्यूटिंग नोड्स के बीच डेटा ट्रांसफर और संचार को बढ़ाने और भारत की सुपरकंप्यूटिंग क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कंप्यूटर नोड्स के बीच 'त्रिनेत्र' हाई-स्पीड इंटर कम्युनिकेशन नेटवर्क को 40 जीबीपीएस और 100 जीबीपीएस की गति से विकसित और परीक्षण किया गया है।

Point of View

बल्कि देश के विकास में भी योगदान देगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

एनएसएम क्या है?
नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) भारत सरकार का एक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य सुपरकंप्यूटिंग क्षमताओं को बढ़ाना है।
इन सुपरकंप्यूटरों का उपयोग किस प्रकार होता है?
ये सुपरकंप्यूटर औषधि खोज, जलवायु मॉडलिंग, और अन्य शोध कार्यों में उपयोग किए जाते हैं।
भारत में कितने सुपरकंप्यूटर स्थापित किए गए हैं?
भारत में एनएसएम के तहत 37 सुपरकंप्यूटर स्थापित किए गए हैं।
इन सुपरकंप्यूटरों का लाभ किसे मिलेगा?
ये सुपरकंप्यूटर 10,000 से अधिक शोधकर्ताओं को सहायता प्रदान कर रहे हैं।
क्या ये सुपरकंप्यूटर स्वदेशी हैं?
हाँ, ये सुपरकंप्यूटर स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए गए हैं।