क्या त्योहारों की मांग ने भारत में कंज्यूमर खर्च बढ़ाया?

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क्या त्योहारों की मांग ने भारत में कंज्यूमर खर्च बढ़ाया?

सारांश

भारत के कंज्यूमर सेक्टर में ज्वेलरी और लिकर कैटेगरी में सुधार देखने को मिला है। जीएसटी में कटौती के बाद विभिन्न श्रेणियों में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं। क्या यह फेस्टिव डिमांड का परिणाम है? जानें इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • ज्वेलरी में २६ प्रतिशत और लिकर में ११ प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • जीएसटी में कटौती से विभिन्न श्रेणियों में सुधार हुआ।
  • फेस्टिव डिमांड ने कंज्यूमर खर्च को बढ़ावा दिया।
  • पेंट कंपनियों ने ७ प्रतिशत राजस्व वृद्धि देखी।
  • इनरवियर सेगमेंट में ४ प्रतिशत की वृद्धि हुई।

नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस) । एक ताज़ा रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के कंज्यूमर सेक्टर ने ज्वेलरी और लिकर श्रेणी के नेतृत्व में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सुधार देखा है। इसके अलावा, जीएसटी में कटौती के बाद से मार्केट में स्थिरता के साथ पेंट, इनरवियर और स्टेपल्स ने भी सुधार के संकेत दिए हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत फेस्टिव डिमांड ने ज्वेलरी और प्रीमियमाइजेशन ने लिकर श्रेणी में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस रिपोर्ट में उन ६० कंपनियों का विश्लेषण किया गया है, जिनका चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संयुक्त राजस्व १.२ ट्रिलियन रुपए रहा और जिनके राजस्व में सालाना आधार पर ८ प्रतिशत की वृद्धि और ईबीआईटीडीए में ४ प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में राजस्व में १० प्रतिशत और ईबीआईटीडीए में ३ प्रतिशत की वृद्धि हुई।

रिपोर्ट के अनुसार, ज्वेलरी श्रेणी ने २६ प्रतिशत राजस्व वृद्धि और २५ प्रतिशत ईबीआईटीडीए दर्ज की। वहीं, लिकर श्रेणी ने ११ प्रतिशत की राजस्व वृद्धि और १६ प्रतिशत की ईबीआईटीडीए वृद्धि देखी।

लिकर सेगमेंट में स्पिरिट्स सबसे ज्यादा बढ़ा, जबकि मौसमी व्यवधानों के कारण बीयर पीछे रह गई।

फेस्टिव खर्च और व्यापार भावनाओं में सुधार के चलते पेंट कंपनियों ने इस वर्ष सितंबर से मांग में वृद्धि देखी। इस श्रेणी में राजस्व में ७ प्रतिशत और ईबीआईटीडीए में १७ प्रतिशत की वृद्धि हुई।

क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स ने १० प्रतिशत की राजस्व वृद्धि और ४ प्रतिशत की ईबीआईटीडीए वृद्धि दर्ज की।

इनरवियर सेगमेंट ने ४ प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की, हालांकि उच्च मार्केटिंग खर्च ने मार्जिन पर दबाव डाला, जिससे ईबीआईटीडीए स्थिर रहा।

मोतीलाल ओसवाल का अनुमान है कि नवंबर के बाद जीएसटी में उतार-चढ़ाव सामान्य होने से स्टेपल्स में सुधार होगा। इसके बाद, आने वाली तिमाहियों में पेंट में वृद्धि देखी जा सकती है। इसके अलावा, शादी के मौसम के कारण ज्वेलरी में मजबूत गति देखने की उम्मीद है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि त्योहारों के दौरान उपभोक्ता खर्च में वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है, बल्कि विभिन्न उद्योगों को भी मजबूती प्रदान करता है। हमें इस प्रवृत्ति का समर्थन करना चाहिए और आगे बढ़ने की दिशा में काम करना चाहिए।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत में कंज्यूमर खर्च में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
त्योहारों की मांग और जीएसटी में कटौती के कारण कंज्यूमर खर्च में वृद्धि हुई है।
कौन-सी श्रेणियाँ सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं?
ज्वेलरी और लिकर श्रेणियाँ सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं।
क्या अन्य श्रेणियों में भी सुधार हुआ है?
हाँ, पेंट, इनरवियर और स्टेपल्स में भी सुधार के संकेत मिले हैं।
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