क्या भारत चीन को टक्कर देगा? कैबिनेट ने चार सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को मंजूरी दी!

Click to start listening
क्या भारत चीन को टक्कर देगा? कैबिनेट ने चार सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को मंजूरी दी!

सारांश

भारत की कैबिनेट ने चार नई सेमीकंडक्टर यूनिट्स को मंजूरी दी है, जो चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इनमें 4,600 करोड़ का निवेश किया जाएगा, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में भारत की स्थिति मजबूत होगी। जानें इस फैसले के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • भारत की सेमीकंडक्टर इकाइयां चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
  • लगभग 4,600 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
  • यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
  • इन परियोजनाओं से 2034 तक लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
  • भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में वृद्धि होगी।

नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मंगलवार को इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत चार नई सेमीकंडक्टर यूनिट्स को मंजूरी दी है। इनमें लगभग 4,600 करोड़ रुपए का निवेश होगा।

जिन चार कंपनियों के सेमीकंडक्टर यूनिट्स को मंजूरी मिली है, उनमें सिकसेम (एसआईसीएसईएम), कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीडीआईएल), 3डी ग्लास सॉल्यूशंस इंक और एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज (एएसआईपी) टेक्नोलॉजीज का नाम शामिल है।

इन चार प्रस्तावों की स्वीकृति के साथ, भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के अंतर्गत 6 राज्यों में लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपए के कुल निवेश के साथ स्वीकृत परियोजनाओं की कुल संख्या 10 हो गई है।

सेमीकंडक्टर क्षमता के विस्तार से, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में चीन जैसे देशों को कड़ी टक्कर दे सकेगा।

सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया, "इन चार स्वीकृत प्रस्तावों के माध्यम से लगभग 4,600 करोड़ रुपए के कुल निवेश से सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित होंगी और इससे 2034 में कुशल पेशेवरों के लिए रोजगार का सृजन होने की आशा है। इससे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए अनुकूल परिवेश को गति मिलेगी और इसके परिणामस्वरूप अप्रत्यक्ष रूप से भी काफी नौकरियों का सृजन होगा।"

दूरसंचार, ऑटोमोटिव, डेटा सेंटर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स में सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग को देखते हुए ये चार नई स्वीकृत सेमीकंडक्टर परियोजनाएं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।

सिकसेम प्राइवेट लिमिटेड ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित इन्फो वैली में ब्रिटेन की क्लास-सिक वेफर फैब लिमिटेड के साथ मिलकर सिलिकॉन कार्बाइड (एसआईसी) आधारित कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स का एकीकृत प्लांट स्थापित कर रहा है। यह देश की पहली व्यावसायिक कंपाउंड फैब्रिकेशन इकाई होगी। इस प्रोजेक्ट में सिलिकॉन कार्बाइड उपकरणों का निर्माण प्रस्तावित है। इस कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब इकाई की वार्षिक क्षमता 60,000 वेफर्स और पैकेजिंग क्षमता 9 करोड़ 60 लाख इकाइयों की होगी।

प्रस्तावित उत्पादों का उपयोग मिसाइलों, रक्षा उपकरणों, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), रेलवे, फास्ट चार्जर्स, डेटा सेंटर रैक, उपभोक्ता उपकरणों और सौर ऊर्जा इन्वर्टर में किया जाएगा।

3डी ग्लास सॉल्यूशंस इंक (3डीजीएस) ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित इन्फो वैली में वर्टिकल इंटीग्रेटेड एडवांस पैकेजिंग और एम्बेडेड ग्लास सबस्ट्रेट यूनिट स्थापित करेगी। भारत में यह इकाई दुनिया की सबसे उन्नत पैकेजिंग तकनीक लाएगी।

इस इकाई की क्षमता लगभग 69,600 ग्लास पैनल सबस्ट्रेट, 5 करोड़ असेंबल्ड इकाइयों और 13,200 3डीएचआई मॉड्यूल प्रति वर्ष होगी।

एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज (एएसआईपी) दक्षिण कोरिया की एपीएसीटी कंपनी लिमिटेड के साथ तकनीकी साझेदारी के अंतर्गत आंध्र प्रदेश में एक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इकाई स्थापित करेगी जिसकी वार्षिक क्षमता 9 करोड़ 60 लाख इकाइयों की होगी। इसमें निर्मित उत्पादों का उपयोग मोबाइल फोन, सेट-टॉप बॉक्स, ऑटोमोबाइल संबंधी अनुप्रयोगों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में किया जाएगा।

कॉन्टिनेंटल डिवाइस (सीडीआईएल) पंजाब के मोहाली में अपनी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग सुविधा का विस्तार करेगी। प्रस्तावित सुविधा में सिलिकॉन और सिलिकॉन कार्बाइड दोनों में उच्च-शक्ति वाले भिन्न प्रकार के सेमीकंडक्टर उपकरणों जैसे एमओएसएफईटी, आईजीबीटी, शॉटकी बाईपास डायोड और ट्रांजिस्टर का निर्माण किया जाएगा। पहले से चल रही इस कंपनी की वार्षिक क्षमता विस्तार के बाद 158.38 मिलियन इकाइयों की होगी।

इस प्रस्तावित इकाइयों से निर्मित उपकरणों का उपयोग ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाएगा।

Point of View

बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यदि सही तरीके से कार्यान्वित किया गया, तो यह भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का अवसर प्रदान करेगा।
NationPress
20/08/2025

Frequently Asked Questions

सेमीकंडक्टर यूनिट्स का क्या महत्व है?
सेमीकंडक्टर यूनिट्स इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए मूलभूत होते हैं और इनकी बढ़ती मांग से भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में वृद्धि होगी।
इन परियोजनाओं से कितने रोजगार के अवसर पैदा होंगे?
इन परियोजनाओं से लगभग 2034 कुशल पेशेवरों के लिए रोजगार का सृजन होने की संभावना है।
भारत को चीन से कैसे टक्कर मिलेगी?
इन यूनिट्स के साथ, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को चुनौती देने में सक्षम होगा।