क्या भारत-यूके एफटीए देश की बढ़ती ताकत को दर्शाता है? : पीयूष गोयल

सारांश
Key Takeaways
- भारत-यूके एफटीए एक ऐतिहासिक समझौता है।
- यह समझौता विभिन्न सेक्टर्स में नए अवसरों का द्वार खोलता है।
- पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक पहचान बनाई है।
- 2027 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में है।
- समझौता से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
मुंबई, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को भारत-यूके एफटीए के बारे में बात करते हुए कहा कि यह भारत की बढ़ती ताकत को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने बताया कि यह मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विश्व स्तर पर अर्जित विश्वास का एक महत्वपूर्ण परिणाम है, जिसने हमें उन विकसित देशों के साथ बातचीत करने की क्षमता प्रदान की है, जिनके साथ हम प्रतिस्पर्धा नहीं करते, बल्कि पूरक हैं।
मुंबई के बोरीवली पैराडाइज हॉल में आयोजित एक सम्मान समारोह के दौरान मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, "यह समझौता भारत द्वारा अब तक हस्ताक्षरित सबसे व्यापक मुक्त व्यापार समझौता है और यह देश के लिए कई नए अवसरों के द्वार खोलेगा।"
उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था नाजुक 5 से शीर्ष 5 तक मजबूत हुई है और 2027 तक हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने आगे कहा, "हमारा आत्मविश्वास हमें अच्छे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने के लिए प्रोत्साहित करता है। हमने विकसित देशों के साथ एफटीए किया है और भविष्य में न्यूजीलैंड, ओमान, यूएस और 27 देशों के यूरोपीय संघ के साथ भी इस तरह के करार को आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। यूएस के साथ भी अच्छी बातचीत चल रही है।"
केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "आज भारत केवल दिख नहीं रहा, बल्कि दुनिया के बाजारों में छा रहा है।"
उन्होंने बताया कि मुंबई में 'यूके मार्केट में निर्यात के अवसर' पर आयोजित सत्र में कृषि, एमएसएमई, जेम्स एंड ज्वेलरी, मछुआरा समाज, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी और सेवा जैसे सेक्टर्स को मिलने वाले लाभों का विस्तार से वर्णन किया।
उन्होंने कहा, "देश ने पीएम मोदी के निर्णायक नेतृत्व में विश्व पटल पर अपनी प्रभावी पहचान स्थापित की है। भारत-यूके एफटीए इसी बात का जीवंत प्रमाण है। यह एक ऐतिहासिक समझौता है, जो भारत के हर वर्ग के लिए नए द्वार खोल रहा है।"
उन्होंने 2047 तक हमारे विकसित भारत के निर्माण की संकल्पना को साकार करने के लिए इस कदम को हर दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।