क्या भारतीय फर्म ई-कॉमर्स और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों से 2030 तक 700 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई कर सकती हैं?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय कंपनियों का राजस्व 2030 तक 588-738 बिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है।
- ई-कॉमर्स में राजस्व 240-300 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की संभावना।
- सेमीकंडक्टर क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद।
- क्लाउड सेवाओं में चार से पांच गुना वृद्धि का अनुमान।
- इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार 40-60 बिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है।
नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय कंपनियाँ वैश्विक स्तर पर नौ परिवर्तनकारी क्षेत्रों में विशेष भारतीय क्षमताओं के साथ तेजी से अग्रसर हो सकती हैं और मिलकर 2030 तक 588 बिलियन डॉलर से 738 बिलियन डॉलर के बीच राजस्व प्राप्त कर सकती हैं। यह जानकारी मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकिन्से एंड कंपनी की एक हालिया रिपोर्ट में साझा की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह 2023 की तुलना में साढ़े तीन गुना वृद्धि को दर्शाता है, जिसमें राजस्व को 164-206 बिलियन डॉलर के बीच आंका गया था। यह वृद्धि ई-कॉमर्स, सेमीकंडक्टर, क्लाउड सर्विस, साइबर सुरक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सॉफ्टवेयर और सर्विस, स्पेस, न्यूक्लियर फ्यूजन और रोबोटिक्स जैसे नौ क्षेत्रों से आएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स में राजस्व 2023 के 60-70 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 240–300 बिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है। कुल खुदरा बिक्री में ई-कॉमर्स का हिस्सा 2022-23 में 7-9 प्रतिशत था, जो 2030 तक 15-17 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है। 2030 तक नौ क्षेत्रों की कुल राजस्व प्राप्ति में इसका योगदान लगभग 40 प्रतिशत होगा।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भविष्य में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के राजस्व को लेकर भी सकारात्मक संभावनाएँ हैं, विशेषकर जब इस क्षेत्र में कई भारतीय परियोजनाएँ शुरू हो रही हैं। सेमीकंडक्टर क्षेत्र का राजस्व 2023 में 40-45 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 100-120 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उभरते हुए एआई सॉफ्टवेयर के राजस्व में अगले सात वर्षों में पांच से आठ गुना वृद्धि की संभावना है। भारत में 77,000 से अधिक संगठन पहले ही कोपाइलेट को अपना चुके हैं, एजेंटिक एआई का चलन बढ़ रहा है और एआई-संचालित औद्योगिकीकरण स्वचालन को गति दे रहा है। इसके साथ ही, एआई की डेटा मांग के कारण क्लाउड से जुड़े राजस्व में 2023 और 2030 के बीच चार से पांच गुना वृद्धि होने का अनुमान है, जो बढ़कर 70-80 बिलियन तक पहुँच जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में भी राजस्व में तेजी आने की संभावना है, जो दशक के अंत तक छह से आठ गुना बढ़कर 40-60 बिलियन डॉलर तक पहुँच जाएगा।