क्या सी-डॉट ने ‘समर्थ’ कार्यक्रम के तहत 18 स्टार्टअप को अनुदान दिया?

सारांश
Key Takeaways
- सी-डॉट ने 18 स्टार्टअप्स का चयन किया है।
- समर्थ कार्यक्रम टेलीकॉम और आईसीटी क्षेत्र में है।
- स्टार्टअप्स को अनुदान और ऑफिस स्पेस मिलेगा।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य सस्टेनेबल बिजनेस मॉडल का विकास करना है।
- कार्यक्रम में मेंटरशिप और ट्रेनिंग शामिल है।
नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस) । सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने सोमवार को सूचना दी कि उसने अपने ‘समर्थ’ कार्यक्रम के पहले समूह में 18 स्टार्टअप का चयन किया है।
यह एक कटिंग-एज इनक्यूबेशन कार्यक्रम है जो टेलीकॉम और आईसीटी क्षेत्र में स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करता है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप्स को वित्तीय अनुदान, एडवांस्ड रिसोर्सेज और विचार से व्यावसायीकरण तक मार्गदर्शन देकर सस्टेनेबल और स्केलेबल बिजनेस मॉडल का विकास करना है।
इन स्टार्टअप्स को फाइनेंशियल ग्रांट, फुली फर्निश्ड ऑफिस स्पेस और दिल्ली-बेंगलुरु कैंपस में सी-डॉट की प्रयोगशालाओं तक पहुंच दी जाती है।
समर्थ कार्यक्रम टेलीकॉम एप्लीकेशन, साइबरसिक्योरिटी, 5जी/6जी टेक्नोलॉजी, एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और क्वांटम टेक्नोलॉजी में नवाचार करने वाले स्टार्टअप्स को सहयोग करता है।
सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के महानिदेशक अरविंद कुमार ने एक वाइब्रेंट स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में उनके सामूहिक प्रयासों की सराहना की और भविष्य की पहलों में स्टार्टअप्स की निरंतर भागीदारी को प्रोत्साहित किया।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत सी-डॉट और एसटीपीआई के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें मेंटरशिप, ट्रेनिंग और संयुक्त पहलों के संभावित सहयोग क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की गई।
यह कार्यक्रम छह-छह महीने के दो समूहों में विभाजित है, जिसमें प्रत्येक समूह में 18 स्टार्टअप्स शामिल हैं। इस प्रकार इस पहल के तहत अधिकतम 36 स्टार्टअप्स का समर्थन किया जा सकता है। एसटीपीआई और टीआईई (इंडस एंटरप्रेन्योर्स) को कार्यक्रम के कार्यान्वयन भागीदार के रूप में चुना गया है।
एक हाइब्रिड फॉर्मेट में वितरित, समर्थ उभरते उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए स्टेट-ऑफ-द-आर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, एक्सपर्ट मेंटरशिप और निवेशकों तथा उद्योग जगत के नेताओं के एक मजबूत नेटवर्क तक पहुंच का लाभ उठाता है।
कार्यक्रम के तहत प्रत्येक चयनित स्टार्टअप को 5 लाख रुपये तक का अनुदान, दिल्ली-बेंगलुरु में सी-डॉट कैंपस में छह महीने के लिए पूरी तरह फर्निश्ड ऑफिस स्पेस, सी-डॉट की प्रयोगशाला तक पहुंच और सी-डॉट टेक्नोलॉजी के जानकारों और बाहरी विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
सरकार के अनुसार, प्रगतिशील स्टार्टअप सी-डॉट सहयोगी अनुसंधान कार्यक्रम (सीसीआरपी) के तहत संभावित सहयोग और आगे के वित्तीय अनुदान के लिए भी पात्र होंगे।