क्या केंद्र सरकार ने 3 कोयला ब्लॉक्स की नीलामी पूरी की, 7 हजार करोड़ रुपए से अधिक का होगा निवेश?
सारांश
Key Takeaways
- कोयला मंत्रालय ने 3 कोयला ब्लॉक्स की सफल नीलामी की।
- 7 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकर्षित होगा।
- 66,248 नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
- इन ब्लॉकों से 4,620.69 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व होगा।
- कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कोयला मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी कि उसने झारखंड और ओडिशा में 3 कोयला ब्लॉक्स की नीलामी सफलतापूर्वक समाप्त कर ली है। इसमें 7 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश होने की उम्मीद है।
सरकार के द्वारा जारी बयान के अनुसार, कोयला मंत्रालय ने वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 13वें चरण के तहत तीन कोयला ब्लॉकों की नीलामी की है। मंत्रालय ने 21 अगस्त, 2025 को वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक नीलामी का 13वां चरण प्रारंभ किया था।
इसके बाद, 20 नवंबर से 25 नवंबर, 2025 तक अग्रिम नीलामी का आयोजन किया गया, जिसमें तीन पूर्ण रूप से अन्वेषित कोयला ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई। इन ब्लॉकों में कुल मिलाकर लगभग 3,306.58 मिलियन टन का भूगर्भीय भंडार है, जिसकी पीक रेटेड क्षमता – (पीआरसी) 49 एमटीपीए है।
बयान में बताया गया है कि इन तीनों ब्लॉकों से लगभग 4,620.69 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा, और 7,350 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश आकर्षित होगा, जिससे 66,248 रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
वर्ष 2020 में वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत के बाद से, कुल 136 कोयला ब्लॉकों की नीलामी की गई है, जिनकी उत्पादन क्षमता 325.04 मिलियन टन प्रति वर्ष है। चालू होने के बाद, ये ब्लॉक घरेलू कोयला उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि करेंगे और कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को आगे बढ़ाएंगे।
इन कोयला ब्लॉकों से सामूहिक रूप से 43,330 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है, 48,756 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश आने की उम्मीद है, और कोयला-उत्पादक क्षेत्रों में 4,39,447 रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावनाएं हैं।
सरकारी बयान में यह भी कहा गया है कि ये उपलब्धियां कोयला क्षेत्र को आर्थिक विकास का एक प्रमुख चालक बनाने के लिए कोयला मंत्रालय की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। मंत्रालय देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करते हुए, आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देते हुए और रोजगार सृजन के साथ एक मजबूत, अधिक लचीले और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रहा है।