क्या सीएसआईआर और इसरो मिलकर स्पेस मीट 2025 का आयोजन करने जा रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- सीएसआईआर और इसरो का संयुक्त आयोजन
- मानव अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा
- माइक्रोग्रेविटी अध्ययन में नवाचार
- स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग
- भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का अनुभव साझा करना
नई दिल्ली, १४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और इसरो मिलकर १७ नवंबर को सीएसआईआर-इसरो स्पेस मीट २०२५ का आयोजन करने जा रहे हैं।
यह कार्यक्रम बेंगलुरू में होगा, जिसका मुख्य उद्देश्य ह्यूमन स्पेसफ्लाइट रिसर्च, माइक्रोग्रेविटी स्टडीज और स्पेस टेक्नोलॉजी इनोवेशन के क्षेत्र में भारत के प्रमुख वैज्ञानिकों तथा स्पेस संस्थानों के बीच सहयोग को और मजबूत बनाना है।
इस कार्यक्रम में लगभग १५० से २०० प्रतिभागियों की भागीदारी की उम्मीद है, जिसमें वैज्ञानिक, टेक्नोलॉजिस्ट, अंतरिक्ष यात्री और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
मंत्रालय के अनुसार, सीएसआईआर-इसरो स्पेस मीट २०२५ का फोकस सीएसआईआर की बहु-विषयक रिसर्च और इसरो की मिशन-ड्रिवन तकनीकी आवश्यकताओं को एकीकृत करने पर होगा। इस सम्मेलन में ह्यूमन स्पेसफ्लाइट फिजियोलॉजी, बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेंटेशन, मटेरियल साइंस, माइक्रोग्रेविटी में लाइफ साइंस, और स्पेसक्राफ्ट मेंटेनेंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी।
कार्यक्रम में स्पेस में पौधों की वृद्धि, स्पेस फूड का विकास, माइक्रोफ्लूडिक्स और सिरेमिक मेटामटेरियल्स जैसे क्षेत्रों में नवाचार पर भी चर्चा होगी।
इसके अतिरिक्त, ऐसे सत्र भी आयोजित किए जाएंगे जिनमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री अपने अनुभव साझा करेंगे। इसमें भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त) और इसरो के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत बी. नायर शामिल होंगे। साथ ही, इस कार्यक्रम में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री और नासा के अंतरिक्ष शटल मिशन के अनुभवी जीन-फ्रांस्वा क्लरवॉय का विशेष वीडियो संदेश भी प्रस्तुत किया जाएगा।
मंत्रालय का कहना है कि इस पहल के माध्यम से सीएसआईआर और इसरो वैज्ञानिक संस्थानों के बीच मजबूत अनुसंधान संबंध बनाने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, स्पेस मेडिसिन, ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग, और सामाजिक लाभ के लिए ट्रांसलेशनल टेक्नोलॉजीज में नवाचार को बढ़ावा देने वाले इकोसिस्टम को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।
इस बैठक के दौरान भविष्य के ह्यूमन स्पेसफ्लाइट मिशन में सहयोगात्मक रोडमैप तैयार करने और स्पेस साइंस और टेक्नोलॉजी में संयुक्त अनुसंधान एवं विकास के नए रास्ते खोजने की संभावना है।