क्या डीआईआई ने भारतीय शेयर बाजार में 2025 में 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया?

सारांश
Key Takeaways
- डीआईआई का निवेश 6 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया।
- यह आंकड़ा 2007 के बाद का सबसे बड़ा है।
- एफपीआई ने 23.3 अरब डॉलर की बिकवाली की।
- गृहस्थी निवेश ने बाजार में स्थिरता दी है।
- विश्लेषकों के अनुसार, यह प्रवृत्ति आगे भी जारी रहेगी।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार में 2025 में अब तक लगभग 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह आंकड़ा 2007 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की ओर से डेटा संग्रहण शुरू होने के बाद से सबसे अधिक है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, इस मज़बूत घरेलू निवेश ने 2025 के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा की गई बिकवाली के प्रभाव को संतुलित किया है, जिन्होंने भारतीय इक्विटी से 23.3 अरब डॉलर या 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है।
नेट डीआईआई निवेश, जिसमें बैंकों, डीएफआई, पेंशन योजनाओं और म्यूचुअल फंडों को शामिल किया जाता है, 2024 में 5.26 लाख करोड़ रुपए से अधिक था, जो घरेलू समर्थन के बढ़ते स्तर को दर्शाता है।
हालांकि, एफपीआई ने 2025 में प्राथमिक बाजार और अन्य माध्यमों से घरेलू इक्विटी में 49,590 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
विश्लेषकों ने अनुमान लगाया कि यह प्रवृत्ति आगे भी जारी रहेगी, जिसका मुख्य कारण एसआईपी का प्रवाह है, जो बाजार में गिरावट के बावजूद भी मजबूत बना हुआ है।
कई रिपोर्टों के अनुसार, लेहमन संकट के बाद, जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने घबराकर बिकवाली शुरू की थी, उस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) को खरीदारी से लाभ हुआ था।
विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने बीएफएसआई, पूंजीगत वस्तुओं, स्वास्थ्य सेवा और ऑटो क्षेत्रों में अपना निवेश बढ़ाया है।
डीआईआई के प्रवाह ने एफआईआई के बिकवाली दबाव, प्रमोटरों द्वारा बड़े पैमाने पर बिकवाली और निजी इक्विटी फंडों द्वारा मुनाफावसूली को कम करने में मदद की। हालांकि, मजबूत घरेलू प्रवाह के बावजूद व्यापक लाभ नहीं हुआ है। पिछले 12 महीनों में सभी बाजार पूंजीकरणों के सूचकांकों ने स्थिर से लेकर नकारात्मक प्रदर्शन किया है।
हालांकि, सालाना आधार पर सेंसेक्स और निफ्टी सूचकांक ने क्रमशः 5.11 प्रतिशत और 6.56 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 5.6 प्रतिशत गिरा है, जबकि बीएसई मिडकैप सूचकांक ने 1.6 प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया है।