क्या जीईएम पर 3 करोड़ ऑर्डर्स के माध्यम से 15 लाख करोड़ रुपए की सरकारी खरीद संभव हुई?

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क्या जीईएम पर 3 करोड़ ऑर्डर्स के माध्यम से 15 लाख करोड़ रुपए की सरकारी खरीद संभव हुई?

सारांश

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) की उपलब्धियों को उजागर किया है, जिसमें 3 करोड़ ऑर्डर्स के माध्यम से 15 लाख करोड़ रुपये की सरकारी खरीद का किया गया है। यह प्लेटफॉर्म न केवल विक्रेताओं के लिए अवसर प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने में भी सहायक है।

Key Takeaways

  • जीईएम ने 3 करोड़ ऑर्डर्स के माध्यम से 15 लाख करोड़ रुपये की सरकारी खरीद की।
  • यह डिजिटल गवर्नेंस की एक सफल पहल है।
  • जीईएम हाशिए पर पड़े विक्रेताओं को सशक्त बनाने में मदद करता है।
  • पारदर्शिता और दक्षता इसकी पहचान है।
  • स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने में सहायक।

नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को डिजिटल गवर्नेंस पहल के सफल 9 वर्षों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' के दृष्टिकोण को साकार करते हुए, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने पारदर्शिता, समावेशिता और दक्षता की नींव रखी है।

गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "भारत की सबसे प्रभावशाली डिजिटल गवर्नेंस पहलों में से एक के रूप में 9 वर्ष पूरे करने पर सरकारी ई-मार्केटप्लेस को बधाई।"

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक 1.52 लाख करोड़ रुपए की खरीदारी हो चुकी है। शुरुआत के बाद से इस प्लेटफॉर्म पर 3 करोड़ ऑर्डर्स के माध्यम से कुल 14.91 लाख करोड़ रुपए से अधिक की संचयी खरीदारी संभव हुई है।

सरकारी ई-मार्केटप्लेस पहल ने हाशिए पर पड़े विक्रेता समूहों और दिव्यांग लोगों को सक्रिय रूप से सहायता प्रदान की है।

गोयल ने कहा, "इसने एमएसई, महिला उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), आदिवासी कारीगरों, स्टार्टअप्स, बुनकरों और दिव्यांगजनों जैसे हाशिए पर पड़े विक्रेता समूहों की भागीदारी को भी सुगम बनाया है।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिजिटल खरीद को विकेंद्रीकृत करने के लिए, पंचायतों द्वारा खरीद को सक्षम बनाने हेतु जीईएम को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।

गोयल के अनुसार, इस योजना का विकास पथ संख्या में वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय समुदायों को सशक्त बना रहा है, लागत प्रभावी खरीद को सक्षम बना रहा है और आत्मनिर्भर भारत का समर्थन कर रहा है।

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, जीईएम ने वित्त वर्ष 2024-25 में सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में 5.4 लाख करोड़ रुपए के लेनदेन दर्ज किए हैं।

जीईएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिहिर कुमार ने कहा, "हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि आदिवासी कारीगरों से लेकर तकनीक-संचालित स्टार्टअप तक, हर उद्यम सार्वजनिक खरीद के अवसरों तक आसानी से पहुंच सके।"

जीईएम प्लेटफॉर्म को 2016 में खुली, समावेशी और प्रभावी सार्वजनिक खरीद को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था और यह एक डिजिटल खरीद प्रणाली के रूप में विकसित हुआ है जो दिव्यांगजनों, स्वयं सहायता समूहों, महिला उद्यमियों, स्टार्टअप्स और कारीगरों सहित देशभर के विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को जोड़ता है।

Point of View

यह दर्शाता है कि सरकार किस प्रकार डिजिटल गवर्नेंस के माध्यम से विकास को गति दे रही है। यह न केवल सरकारी खरीद को पारदर्शित करता है बल्कि हाशिए पर पड़े विक्रेताओं को भी सशक्त बनाता है। इस पहल से न केवल आर्थिक विकास होगा, बल्कि यह सामाजिक समावेशिता को भी बढ़ावा देगा।
NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

जीईएम क्या है?
जीईएम, सरकारी ई-मार्केटप्लेस, एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो सरकारी खरीद को सुगम बनाता है।
जीईएम पर कितने ऑर्डर्स किए गए हैं?
जीईएम पर अब तक 3 करोड़ ऑर्डर्स किए जा चुके हैं।
सरकारी खरीद में जीईएम का योगदान क्या है?
जीईएम ने 15 लाख करोड़ रुपये की सरकारी खरीद में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
क्या जीईएम दिव्यांगों और हाशिए पर पड़े विक्रेताओं की मदद करता है?
हां, जीईएम दिव्यांगों और हाशिए पर पड़े विक्रेताओं को सक्रिय रूप से सहायता प्रदान करता है।
जीईएम का उद्देश्य क्या है?
जीईएम का उद्देश्य पारदर्शिता, समावेशिता और दक्षता को बढ़ावा देना है।