क्या सरकार ने 'कर्मचारी नामांकन अभियान' शुरू किया है, जिससे सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार होगा?

Click to start listening
क्या सरकार ने 'कर्मचारी नामांकन अभियान' शुरू किया है, जिससे सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार होगा?

सारांश

सरकार ने 'कर्मचारी नामांकन अभियान, 2025' की घोषणा की है। यह योजना ईपीएफओ के माध्यम से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज में लाने के लिए है। जानें इस अभियान के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य और इसके लाभ।

Key Takeaways

  • सरकार ने 'कर्मचारी नामांकन अभियान, 2025' शुरू किया है।
  • यह अभियान 1 नवंबर, 2025 से 30 अप्रैल, 2026 तक चलेगा।
  • कर्मचारियों का योगदान माफ किया जाएगा यदि वे पहले से नामांकित नहीं थे।
  • नियोक्ता को ऑनलाइन घोषणा करनी होगी।
  • सरकार का लक्ष्य सामाजिक सुरक्षा कवरेज बढ़ाना है।

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सोमवार को 'कर्मचारी नामांकन अभियान, 2025' (ईईसी 2025) की औपचारिक घोषणा की है, जो ईपीएफओ के माध्यम से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को संगठित सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

आधिकारिक बयान में जानकारी दी गई कि यह योजना 1 नवंबर, 2025 से 30 अप्रैल, 2026 तक लागू रहेगी। यह पहल, 2009 से 2016 के बीच छूटे हुए योग्य कर्मचारियों के नामांकन के लिए 2017 में चलाए गए सफल नामांकन अभियान का निरंतर प्रयास है।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के अंतर्गत पहले से पंजीकृत और नए आने वाले नियोक्ताओं, दोनों को स्वेच्छा से योग्य कर्मचारियों की घोषणा और नामांकन के लिए प्रेरित करना है।

मंत्रालय ने बताया, "नियोक्ता उन सभी मौजूदा कर्मचारियों का नामांकन कर सकते हैं, जो 1 जुलाई, 2017 और 31 अक्टूबर, 2025 के बीच प्रतिष्ठान में शामिल हुए हैं, और जो घोषणा की तिथि तक जीवित और कार्यरत हैं, किंतु किसी भी कारण से पहले ईपीएफ योजना में नामांकित नहीं हुए थे।

एक बड़ी राहत के रूप में, पिछले समय (1 जुलाई, 2017 से 31 अक्टूबर, 2025 तक) के लिए भविष्य निधि अंशदान में कर्मचारी का हिस्सा माफ किया जाएगा, बशर्ते कि यह कर्मचारी के वेतन से नहीं काटा गया हो। नियोक्ता को केवल उस अवधि के लिए अपना हिस्सा ही देना होगा।"

नियोक्ता को ईपीएफओ द्वारा उपलब्ध कराई गई ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से घोषणा करनी होगी, जहां नियोक्ता को नामांकित कर्मचारियों का विवरण दर्ज करना होगा और इसे इलेक्ट्रॉनिक चालान-सह-रिटर्न (अस्थायी रिटर्न संदर्भ संख्या) से जोड़ना होगा, जिसके माध्यम से अंशदान का भुगतान किया गया है और एक सौ रुपए का एकमुश्त दंडात्मक हर्जाना देना होगा, जो गैर-अनुपालन के लिए मानक दंड से काफी कम है।

सरकार को उम्मीद है कि इस अभियान से कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज में नामांकन को बढ़ावा मिलेगा, और यह नियोक्ताओं के लिए भी महत्वपूर्ण होगा, जिससे उनके पिछले रिकॉर्ड को न्यूनतम वित्तीय/कानूनी बोझ के साथ नियमित किया जा सकेगा और व्यापार करने में आसानी होगी।

Point of View

बल्कि नियोक्ताओं को भी अपने पिछले रिकॉर्ड को साफ-सुथरा करने का मौका दे रहा है। इससे व्यापार करने में आसानी होगी, जो आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत है।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

कर्मचारी नामांकन अभियान क्या है?
यह अभियान कर्मचारियों को ईपीएफओ के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा कवरेज में लाने के लिए शुरू किया गया है।
इस अभियान का लाभ कौन उठा सकता है?
जो कर्मचारी 1 जुलाई, 2017 से 31 अक्टूबर, 2025 के बीच प्रतिष्ठान में शामिल हुए हैं, वे इसका लाभ उठा सकते हैं।
क्या कर्मचारियों का योगदान माफ किया जाएगा?
जी हाँ, यदि कर्मचारी का योगदान पहले से वेतन से नहीं काटा गया है तो उसे माफ किया जाएगा।