क्या सुधा चंद्रन ने 'मैं हूं बॉलीवुड' में डांस से दर्शकों का दिल जीता और सरोज खान को याद किया?

सारांश
Key Takeaways
- सुधा चंद्रन का नृत्य प्रदर्शन अद्भुत था।
- उन्होंने सरोज खान को श्रद्धांजलि दी।
- यह कार्यक्रम 'मैं हूं बॉलीवुड' में आयोजित किया गया।
- सुधा ने अपने करियर की शुरुआत 1984 में की थी।
- सरोज खान का योगदान अमूल्य था।
मुंबई, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री और नृत्यांगना सुधा चंद्रन ने हाल ही में एक असाधारण नृत्य प्रदर्शन के जरिए दर्शकों का दिल जीत लिया। इस विशेष अवसर पर, उन्होंने प्रसिद्ध कोरियोग्राफर सरोज खान को श्रद्धांजलि दी।
सुधा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वे मंच पर भावुक नृत्य करती नजर आ रही हैं। इस वीडियो के साथ, उन्होंने अपने दिल की बात फैंस के साथ साझा की और सरोज खान के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट कीं।
सुधा ने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "कल मुझे यह सम्मान और सौभाग्य प्राप्त हुआ कि मैं मैडम सरोज खान जी के कोरियोग्राफ किए गाने पर डांस कर सकूं। यह अद्भुत आयोजन 'मैं हूं बॉलीवुड' में था, जिसका आयोजन मैथिल कोटनीस ने किया था और अनिता जी ने इसका समन्वय किया था। सरोज मैम, आपकी बहुत याद आती है।"
'मैं हूं बॉलीवुड' कार्यक्रम में सुधा की प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीत लिया। उनके डांस में भावनाओं और ऊर्जा का अनोखा संगम देखने को मिला, जो सरोज खान की कोरियोग्राफी की विशिष्टता रही है। सुधा ने अपने प्रदर्शन के माध्यम से सरोज के कालजयी गीतों को जीवंत कर दिया।
अभिनेत्री सुधा चंद्रन ने 'नागिन', 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', 'कस्तूरी', 'कहीं किसी रोज' जैसे धारावाहिकों में अपने किरदार से घर-घर में पहचान बनाई है। वे एक उत्कृष्ट डांसर हैं और उन्होंने 3 वर्ष की आयु से ही डांस सीखना प्रारंभ किया था।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1984 में रिलीज हुई फिल्म मयूरी से की थी। यह फिल्म उनके जीवन पर आधारित थी। इसे तेलुगु में रिलीज किया गया था और बाद में तमिल और मलयालम में डब किया गया। हिंदी में भी इसका रीमेक 'नाचे मयूरी' नाम से बना था।
सरोज खान बॉलीवुड की पहली महिला कोरियोग्राफर थीं, जिनका निधन 3 जुलाई 2020 को कार्डियक अरेस्ट से हुआ। उनका असली नाम निर्मला नागपाल था। हिंदू परिवार में जन्मी निर्मला ने बाद में इस्लाम धर्म अपनाया।