क्या फेस्टिव सीजन में यूपीआई के जरिए खर्च 17.8 लाख करोड़ रुपए तक पहुँचा?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- यूपीआई खर्च में 17.8 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है।
- गुणवत्ता में 2.6 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई।
- ट्रांजैक्शन की संख्या 31 प्रतिशत बढ़ी है।
- डिजिटल रिटेल पेमेंट में रिकवरी का संकेत है।
- जीएसटी रेट कट उपभोक्ताओं के खर्च को बढ़ा सकता है।
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) । इस वर्ष दिवाली से दशहरा तक के फेस्टिव सीजन में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से खर्च 17.8 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि में 15.1 लाख करोड़ रुपए से 17 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। यह जानकारी शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर में यूपीआई के संदर्भ में वैल्यू के मामले में मासिक आधार पर 2.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
वहीं, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि सितंबर में यूपीआई लेन-देन की संख्या सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 19.63 अरब हो गई थी। वही, ट्रांजैक्शन अमाउंट सालाना आधार पर 21 प्रतिशत बढ़कर 24.90 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया था।
दशहरा से दिवाली तक के पेमेंट डेटा से मिली जानकारी के अनुसार, यूपीआई, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से किए गए कुल पेमेंट की वैल्यू पिछले वर्ष के 16.4 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर लगभग 18.8 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी रेट कट और फेस्टिव सीजन के कारण उपभोक्ताओं के खर्च में वृद्धि की उम्मीद है, जिसके चलते डिजिटल रिटेल पेमेंट में यह बढ़त देखने को मिली। यह उपभोग में रिकवरी का संकेत देता है।
बैंक का कहना है कि सरकार को उम्मीद है कि जीएसटी रेट कट के कारण उपभोक्ताओं के खर्च में लगभग 20 लाख करोड़ रुपए की बढ़त होगी।
बैंक के अनुसार, त्योहार के महीने में डेबिट कार्ड के जरिए वैल्यू टर्म में पेमेंट 65,395 रुपए दर्ज किया गया, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि में 27,566 करोड़ रुपए था।
बैंक ऑफ बड़ौदा का कहना है कि फेस्टिव पीरियड के दौरान यूपीआई के लिए प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर एवरेज खर्च 1,052 रुपए रहा, जबकि डेबिट कार्ड के लिए 8,084 रुपए और क्रेडिट कार्ड के लिए 1,932 रुपए रहा।
सितंबर माह के लिए मर्चेंट-लेवल यूपीआई डेटा दर्शाता है कि पुरुषों और महिलाओं के कपड़ों, बियर, वाइन और शराब, ऑनलाइन मार्केटप्लेस, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटी और नाई की दुकान पर प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर एवरेज खर्च में 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
बैंक का कहना है कि प्राइवेट कंजम्पशन डिमांड को लेकर दूसरी तिमाही में एक अच्छी बढ़त दर्ज की जाएगी। वहीं, इस ट्रेंड के तीसरी तिमाही में भी बने रहने की उम्मीद है।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            