क्या भारत 23 विश्वस्तरीय रिफाइनरियों के साथ टॉप पांच रिफाइनिंग देशों में शामिल हो गया है? : हरदीप सिंह पुरी
सारांश
Key Takeaways
- भारत 23 विश्वस्तरीय रिफाइनरियों के साथ टॉप पांच रिफाइनिंग देशों में शामिल हो गया है।
- भारत की रिफाइनिंग क्षमता 258.2 एमएमटीपीए है।
- पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 64.7 मिलियन टन हो गया है।
- भारत अब बीएस-VI फ्यूल का उत्पादन कर रहा है।
- भारत का लक्ष्य ऊर्जा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है।
नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को जानकारी दी कि 23 विश्वस्तरीय रिफाइनरियों और 258.2 एमएमटीपीए की कुल क्षमता के साथ, भारत अब टॉप पांच रिफाइनिंग देशों में शामिल हो चुका है।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारत की रिफाइनिंग कहानी विकास, नवाचार और आत्मनिर्भरता की है। घरेलू मांग को पूरा करने से लेकर वैश्विक बाजार की जरूरतों को पूरा करने तक, यह यात्रा शानदार रही है।"
उन्होंने आगे बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात जहां 2014-15 में 55.5 मिलियन टन था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 64.7 मिलियन टन के आंकड़े तक पहुंच गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज सभी रिफाइनरी बीएस-VI फ्यूल का उत्पादन कर रही हैं, जो दुनिया में सबसे स्वच्छ ईंधन है। इसके अलावा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत राजस्थान और ओडिशा में नए पेट्रोकैमिकल हब के साथ ऊर्जा के भविष्य को फिर से परिभाषित कर रहा है।
इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय मंत्री ने मिशन अन्वेषण की जानकारी दी, जिसका उद्देश्य देशभर में 20,000 ग्राउंड लाइन किलोमीटर से अधिक की मैपिंग करना है। अब तक 8000 ग्राउंड-लाइन किलोमीटर का सर्वे किया जा चुका है।
उन्होंने इस मिशन को भारत के इतिहास का सबसे बड़ा सिस्मिक मैपिंग प्रोग्राम बताया।
उन्होंने कहा कि विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ, हमारी मांग निरंतर बढ़ रही है। अगले दो दशकों में, वैश्विक ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत द्वारा दर्ज किए जाने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, भारत का लक्ष्य नए ऑयल और गैस क्षेत्रों की खोज करना, घरेलू उत्पादन को मजबूत बनाना, महंगे आयात पर निर्भरता कम करना और भारत को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाना है।