क्या केंद्र सरकार पीएलआई स्कीम के तहत स्मार्टफोन इंडस्ट्री में नई दिशा दे रही है? : अश्विनी वैष्णव
सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार पीएलआई स्कीम के तहत स्मार्टफोन इंडस्ट्री में नई दिशा दे रही है।
- स्थानीय मूल्य वृद्धि 35-40 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।
- भारत में 30 रणनीतिक चिपसेट का डिज़ाइन और निर्माण किया जाएगा।
- यह योजना वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित करने में सफल रही है।
- भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का भविष्य उज्ज्वल है।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को बताया कि भारत सरकार पीएलआई स्कीम के अगले चरण में स्मार्टफोन इंडस्ट्री को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि 24 स्वीकृत इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट प्रोजेक्ट और आने वाले ईसीएमएस 2.0 निवेश मिलकर स्मार्टफोन में स्थानीय मूल्य वृद्धि और महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स को भविष्य में 35-40 प्रतिशत तक बढ़ाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार का उद्देश्य भारत में 30 रणनीतिक चिपसेट को डिज़ाइन और निर्माण करना है।
मीडिया वार्ता के दौरान उन्होंने कहा, "हम उच्च स्थानीय मूल्य वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। मुझे लगता है कि जब तक इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स पूरी तरह से निर्माण में नहीं आते, तब तक यह 35 से 40 प्रतिशत के दायरे में पहुँच जाएगा।"
उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार स्मार्टफोन के लिए पीएलआई 2.0 पर उद्योग के हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है। मौजूदा योजना भारत के प्रोत्साहन कार्यक्रमों में सबसे सफल पहल रही है, जो इस वित्तीय वर्ष में समाप्त हो रही है।
यह योजना कई बड़े वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित करने में सफल रही है और भारत को एक प्रमुख स्मार्टफोन उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उद्योग जगत के प्रमुख भी भारत की इस प्रगति को मान्यता दे रहे हैं। आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने कहा कि भारत एक नए विकास चरण में प्रवेश कर रहा है।
मोहिन्द्रू ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो रही है। यह योजना एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हुए, कंपोनेंट्स, सब-असेंबली और कैपिटल गुड्स सेक्टर में दुनिया के सबसे प्रतिस्पर्धी इकोसिस्टम को विकसित करेगी।
मोहिन्द्रू ने आगे कहा, "जब हम मशीनों को चलाने में दक्ष हो जाते हैं, तो हम बाजार में भी जीत हासिल कर लेते हैं। ईसीएमएस हर बड़े उत्पाद वर्टिकल में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भारतीय चैंपियन तैयार करेगी। साथ ही, पीएम मोदी के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में 500 अरब डॉलर के दृष्टिकोण के तहत हमारी यात्रा की गति को तेज करेगी। यह भारत की अगली औद्योगिक क्रांति है और हम सभी इसमें अपने योगदान के लिए प्रतिबद्ध हैं।"