क्या गुजरात में अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक में 500 करोड़ रुपए से अधिक की इनक्वायरी हुई?

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क्या गुजरात में अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक में 500 करोड़ रुपए से अधिक की इनक्वायरी हुई?

सारांश

गुजरात में आयोजित अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक ने 500 करोड़ रुपए से अधिक की एक्सपोर्ट इनक्वायरी की, जिससे व्यापारिक समुदाय में उत्साह और सहयोग की भावना बढ़ी। यह आयोजन भारत की निर्यात क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है।

Key Takeaways

  • 500 करोड़ रुपए से अधिक की एक्सपोर्ट इनक्वायरी
  • 350 से अधिक समझौता ज्ञापन (एमओयू)
  • 17 देशों के 40 अंतरराष्ट्रीय खरीदार
  • 850 से अधिक भारतीय निर्यातक
  • निर्यात के लिए वैश्विक बाजारों से जुड़ने का अवसर

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) ने शनिवार को बताया कि गुजरात में आयोजित अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन (बीएसएम) में 350 से अधिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) और 500 करोड़ रुपए से अधिक की एक्सपोर्ट इनक्वायरी हुई।

वाइब्रेंट गुजरात रिजनल कॉन्फ्रेंस के तहत गणपत विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन फियो द्वारा एमएसएमई विभाग और आईएनडीईएक्सटीबी के सहयोग से विश्व बैंक आरएएमपी परियोजना के तहत किया गया था।

इस आयोजन को व्यापारिक समुदाय से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसमें 17 देशों के 40 अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 850 से अधिक भारतीय निर्यातकों के बीच 2,200 से अधिक संरचित बीटूबी बैठकें आयोजित की गईं।

फियो ने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक में कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग और इंजीनियरिंग गुड्स सहित प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

गुजरात और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बीएसएम स्थल का दौरा किया और भाग लेने वाले खरीदारों और विक्रेताओं के साथ बातचीत की।

उन्होंने एमएसएमई और निर्यातकों के लिए वैश्विक बाजारों से जुड़ने और व्यापार साझेदारी को मजबूत करने के लिए फियो के प्रयासों की सराहना की।

फियो के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस आयोजन ने वैश्विक व्यापार संबंधों को बढ़ाया, सप्लाई चेन साझेदारी को बढ़ावा दिया और निर्यात और विनिर्माण उत्कृष्टता के एक अग्रणी केंद्र के रूप में गुजरात की स्थिति को मजबूत किया।

फियो ने कहा कि इस आयोजन ने सहयोग, इनोवेशन और समावेशिता के माध्यम से भारत की निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के लिए फियो की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया, जो सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत', 'लोकल गोज वोकल' और निर्यात-आधारित विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

इस बीच, सितंबर में फियो ने निर्यातित उत्पादों पर शुल्कों और करों में छूट योजना को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया।

यह योजना घरेलू टैरिफ क्षेत्र (डीटीए), एडवांस ऑथराइजेशन होल्डर, विशेष आर्थिक क्षेत्रों और निर्यातोन्मुखी इकाइयों से होने वाले निर्यात को कवर करती रहेगी।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वैश्विक व्यापार संबंधों को मजबूत करना और निर्यात को बढ़ावा देना आज की आवश्यकता है। इस प्रकार के आयोजन से भारत की वैश्विक पहचान और व्यापारिक क्षमता में वृद्धि होगी।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

इस बैठक से व्यापार को क्या लाभ होगा?
इस बैठक से निर्यातकों को नए बाजारों में प्रवेश करने का मौका मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से सीधे संपर्क स्थापित होगा।
क्या यह कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा?
हां, इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाने की योजना है, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिले।
इस सम्मेलन में कौन-कौन से क्षेत्र शामिल थे?
इस सम्मेलन में कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग और इंजीनियरिंग गुड्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।