क्या जीएसटी कटौती से एलआईसी में 1,100 करोड़ रुपए का इनफ्लो हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधार से एलआईसी में 1,100 करोड़ रुपए का इनफ्लो।
- प्रीमियम आय में वृद्धि से बीमा क्षेत्र को मिलेगा प्रोत्साहन।
- स्वास्थ्य और व्यक्तिगत जीवन बीमा पर टैक्स शून्य किया गया।
मुंबई, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरकारी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) में जीएसटी सुधार लागू होने के पहले दिन 1,100 करोड़ रुपए का इनफ्लो देखा गया है। यह जानकारी विभिन्न रिपोर्ट्स में दी गई है।
यह आंकड़ा बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि एलआईसी को रिटेल पॉलिसीहोल्डर्स से लगभग 5,000 करोड़ रुपए की मासिक प्रीमियम आय प्राप्त होती है।
जीएसटी 2.0 के तहत पहले दिन का यह इनफ्लो पॉलिसीधारकों के बीच सकारात्मक भावना एवं बीमा क्षेत्र के लिए संभावित प्रोत्साहन को दर्शाता है।
इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी के हटने से पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसियां खरीदारों के लिए और भी किफायती एवं आकर्षक हो गई हैं, जिसके चलते आने वाले महीनों में बिक्री में वृद्धि की उम्मीद है।
इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में, एलआईसी ने लाभ और प्रीमियम आय दोनों में लगातार वृद्धि की है।
जीएसटी सुधारों के तहत सरकार ने स्वास्थ्य और व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसी पर टैक्स को घटाकर शून्य कर दिया है, जबकि यह पहले 18 प्रतिशत था।
कंपनी ने वित्त वर्ष 26 की अप्रैल-जून तिमाही में 10,957 करोड़ रुपए का कंसोलिडेटेड शुद्ध लाभ प्राप्त किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि (वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही) की तुलना में 3.91 प्रतिशत अधिक है।
एलआईसी की शुद्ध प्रीमियम आय भी 4.7 प्रतिशत बढ़कर 1,19,618 करोड़ रुपए हो गई है।
एलआईसी जीवन बीमा उद्योग में पहले वर्ष की प्रीमियम आय में 63 प्रतिशत से अधिक की बाजार हिस्सेदारी के साथ अपना नेतृत्व बनाए हुए है।
एलआईसी के सीईओ और एमडी आर दोरईस्वामी ने 7 अगस्त को एक्सचेंज को दी गई एक फाइलिंग में कहा, "इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान, प्रथम वर्ष की प्रीमियम आय के आधार पर हमारी कुल बाजार हिस्सेदारी 63.51 प्रतिशत थी और हमने व्यक्तिगत और समूह व्यवसाय, दोनों में अपनी लीडरशीप स्थिति बनाए रखी है।"
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी का स्टैंडअलोन आधार शुद्ध लाभ पर 5 प्रतिशत बढ़कर 10,986.51 करोड़ रुपए हो गया था।