क्या एनएसई ने निफ्टी 50 और अन्य इंडेक्स के डेरिवेटिव्स का लॉट साइज घटाया?

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क्या एनएसई ने निफ्टी 50 और अन्य इंडेक्स के डेरिवेटिव्स का लॉट साइज घटाया?

सारांश

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने निफ्टी 50 और अन्य प्रमुख इंडेक्स के डेरिवेटिव्स का लॉट साइज घटाने की घोषणा की है। यह कदम निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे व्यापार की लागत कम होगी। जानें इसके प्रभाव और क्या बदलाव होंगे।

Key Takeaways

  • निफ्टी 50 का लॉट साइज घटकर 65 हुआ।
  • निफ्टी बैंक का लॉट साइज 30 किया गया।
  • सुधारित लॉट साइज 28 अक्टूबर से लागू होगा।
  • निवेशक 30 दिसंबर, 2025 तक वर्तमान लॉट साइज का उपयोग कर सकते हैं।
  • लॉट साइज में कमी से बाजार में तरलता बढ़ेगी।

मुंबई, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने निफ्टी 50 सहित चार प्रमुख इंडेक्स के डेरिवेटिव्स के लॉट साइज में कमी करने की घोषणा की है, जो कि 28 अक्टूबर से प्रभावी होगा।

आधिकारिक सूचना के अनुसार, निफ्टी 50 इंडेक्स के डेरिवेटिव का लॉट साइज 75 से घटाकर 65 कर दिया गया है, जबकि निफ्टी बैंक के लॉट साइज को 35 से घटाकर 30 कर दिया गया है।

निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज के डेरिवेटिव का लॉट साइज 65 से घटाकर 60 कर दिया गया है। वहीं, निफ्टी मिड सिलेक्ट इंडेक्स के डेरिवेटिव का लॉट साइज 140 से घटाकर 120 कर दिया गया है। हालांकि, निफ्टी नेक्स्ट 50 के डेरिवेटिव का लॉट साइज अपरिवर्तित रहेगा।

एक्सचेंज ने कहा कि निवेशक 30 दिसंबर, 2025 की एक्सपायरी तक वर्तमान लॉट साइज के साथ व्यापार जारी रख सकते हैं, जिसके बाद सभी नए कॉन्ट्रैक्ट छोटे लॉट साइज के अनुसार होंगे।

एनएसई ने आगे कहा, "सदस्यों को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने ग्राहकों को, जो तिमाही और अर्धवार्षिक कॉन्ट्रैक्ट में पोजीशन रखते हैं, आगामी लॉट साइज में होने वाले संशोधन से अवगत कराएं।"

वर्तमान लॉट साइज के निफ्टी के साप्ताहिक और मासिक कॉन्ट्रैक्ट 23 दिसंबर को समाप्त होंगे, जबकि मासिक निफ्टी और बैंक निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट 30 दिसंबर को समाप्त होंगे। इन तिथियों के बाद सभी नए कॉन्ट्रैक्ट संशोधित लॉट साइज के साथ आएंगे।

एनएसई फ्यूचर और ऑप्शंस के लॉट साइज में यह संशोधन मुख्यतः कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू को एक मानक सीमा के भीतर रखने और इसे किफायती बनाने के लिए किया गया है।

व्यापारियों को कॉन्ट्रैक्ट का पूरा मूल्य अग्रिम में नहीं चुकाना पड़ता, क्योंकि डेरिवेटिव लीवरेज्ड उपकरण होते हैं, लेकिन उनका लॉट साइज प्रतिभागियों के जोखिम और आवश्यक मार्जिन को निर्धारित करता है।

स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा लॉट साइज में यह संशोधन बाजार की दक्षता और तरलता को बढ़ाने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कॉन्ट्रैक्ट बाजार के प्रतिभागियों के लिए अधिक आकर्षक बने रहें।

Point of View

यह कहना ज़रूरी है कि एनएसई का यह कदम भारतीय शेयर बाजार की स्थिरता और दक्षता को बढ़ाने की दिशा में है। यह निर्णय निवेशकों को अधिक लचीलापन और बेहतर अवसर प्रदान करेगा।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

एनएसई ने लॉट साइज क्यों घटाया?
लॉट साइज में कमी का मुख्य उद्देश्य कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू को एक मानक सीमा में रखना और इसे किफायती बनाना है।
यह बदलाव कब लागू होगा?
यह बदलाव 28 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
क्या वर्तमान लॉट साइज के साथ व्यापार संभव है?
हां, निवेशक 30 दिसंबर, 2025 तक वर्तमान लॉट साइज के साथ व्यापार कर सकते हैं।