क्या एनएचएआई ने टोल कलेक्शन की लागत में 43 प्रतिशत की कमी की है?

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क्या एनएचएआई ने टोल कलेक्शन की लागत में 43 प्रतिशत की कमी की है?

सारांश

भारत में टोल कलेक्शन की लागत में कमी एक बड़ी उपलब्धि है। एनएचएआई ने वित्त वर्ष 2024-25 में टोल कलेक्शन की लागत को 43 प्रतिशत घटाकर 2,674 करोड़ रुपए कर दिया है। इस महत्वपूर्ण बदलाव के पीछे कई रणनीतिक कदम हैं, जो टोलिंग प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए उठाए गए हैं।

Key Takeaways

  • टोल कलेक्शन की लागत में 43 प्रतिशत की कमी हुई।
  • कुल टोल कलेक्शन में लागत का हिस्सा 9.27 प्रतिशत रह गया।
  • एनएचएआई ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं।
  • टोल एजेंसियों की समस्याओं के समाधान के लिए संवाद बनाए रखा गया।
  • बोली लगाने की क्षमता में वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में टोल कलेक्शन की लागत वित्त वर्ष 2024-25 में सालाना आधार पर 43 प्रतिशत की कमी के साथ 2,674 करोड़ रुपए हो गई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह 4,736 करोड़ रुपए थी। यह जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एनएचएआई) ने गुरुवार को साझा की।

एनएचएआई ने बताया कि कुल टोल कलेक्शन में लागत का हिस्सा वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर 9.27 प्रतिशत हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 17.27 प्रतिशत था।

टोल कलेक्शन की लागत, टोलिंग एजेंसी द्वारा वसूली गई कुल टोल फीस और एनएचएआई को भेजी गई राशि में अंतर को दर्शाती है।

वित्त वर्ष 2023-24 में, टोल एजेंसियों ने 27,417 करोड़ रुपए का टोल संग्रह किया, जिसमें से 22,681 करोड़ रुपए एनएचएआई को भेजे गए।

हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 में टोल एजेंसियों ने 28,823 करोड़ रुपए का टोल कलेक्शन किया और इसमें से 26,149 करोड़ रुपए एनएचएआई को भेजे गए।

टोल कलेक्शन की लागत में कमी मुख्य रूप से एनएचएआई द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के कारण हुई, जैसे कि वर्तमान कॉन्ट्रैक्ट्स की गहन निगरानी, तीन महीने के कथित विस्तार के प्रावधान को समाप्त करना, समय पर बोली लगाना, और अधिकतम कॉन्ट्रैक्ट एक वर्ष की अवधि के लिए देना।

इसके अतिरिक्त, एनएचएआई ने 'ऑल इंडिया यूजर फीस कलेक्शन फेडरेशन' से निरंतर संपर्क बनाए रखा, जिससे टोल कलेक्शन एजेंसियों की समस्याओं का समाधान किया जा सके और टोल बिड्स में भागीदारी बढ़ाई जा सके।

मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, टोल कलेक्शन एजेंसियों की परफॉर्मेंस सिक्योरिटी (नकद भाग) और बैंक गारंटी समय पर जारी होने से उनकी बोली लगाने की क्षमता में वृद्धि हुई, जिससे बोली की राशि में भी वृद्धि हुई।

Point of View

यह कहना उचित है कि एनएचएआई का यह कदम न केवल टोल कलेक्शन की लागत को कम करने में मदद करेगा, बल्कि यह पूरे देश में सड़क परिवहन क्षेत्र में सुधार लाने में भी सहायक सिद्ध होगा। सरकार की यह पहल निश्चित रूप से आर्थिक विकास को गति देगी।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

टोल कलेक्शन की लागत में कमी का मुख्य कारण क्या है?
इसकी मुख्य वजह एनएचएआई द्वारा उठाए गए विभिन्न कदम हैं, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट्स की निगरानी और टोल एजेंसियों के साथ संवाद शामिल हैं।
क्या यह कमी भविष्य में भी बनी रहेगी?
यदि एनएचएआई इसी तरह की रणनीतियों को लागू करता रहा, तो टोल कलेक्शन की लागत में और कमी संभव है।