क्या सेबी ने एफएंडओ ट्रेडिंग के लिए नियम सख्त किए हैं?

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क्या सेबी ने एफएंडओ ट्रेडिंग के लिए नियम सख्त किए हैं?

सारांश

सेबी ने एफएंडओ ट्रेडिंग के लिए नए नियमों की घोषणा की है। ये नियम एक अक्टूबर से प्रभावी होंगे और इनका उद्देश्य सट्टेबाजी को कम करना है। जानें इन नियमों के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • नए नियम एक अक्टूबर से लागू होंगे।
  • डेरिवेटिव ट्रेडिंग में सख्त पोजिशन लिमिट होगी।
  • उद्देश्य सट्टेबाजी को कम करना है।
  • एमडब्ल्यूपीएल को कैश मार्केट से लिंक किया जाएगा।
  • इंट्राडे निगरानी 3 नवंबर, 2025 से शुरू होगी।

मुंबई, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एफएंडओ (फ्यूचर एंड ऑप्शंस) के लिए नए सख्त नियमों की घोषणा की है, जो एक अक्टूबर से लागू होने वाले हैं।

इन नए नियमों के अंतर्गत डेरिवेटिव ट्रेडिंग में पोजिशन लिमिट को सख्त किया गया है। इसके साथ ही, बैन किए गए स्टॉक्स के लिए पोजिशन के नियमों में संशोधन और मॉनिटरिंग को बढ़ाया गया है।

इन नियमों का मुख्य उद्देश्य अत्यधिक सट्टेबाजी को कम करना और जोखिम को कैश मार्केट एक्टिविटी के साथ समन्वयित करना है।

मार्केट रेगुलेटर ने जानकारी दी है कि मार्केट-वाइड पॉजिशन लिमिट (एमडब्ल्यूपीएल) और बेट्स की अधिकतम सीमाएं कैश वॉल्यूम और शेयर के फ्री फ्लोट से जुड़ी होंगी। इसे फ्री फ्लोट के 15 प्रतिशत या एक्सचेंजों में कैश वॉल्यूम के 65 गुना में से जो भी कम होगा, के रूप में निर्धारित किया गया है।

सेबी ने कहा कि मार्केट वाइड पॉजिशन लिमिट (एमडब्ल्यूपीएल) को रोलिंग कैश वॉल्यूम डेटा के आधार पर तिमाही रूप से अपडेट किया जाएगा। सेबी की उम्मीद है कि एमडब्ल्यूपीएल को कैश मार्केट से लिंक करने से बाजार में सट्टेबाजी का जोखिम कम होगा।

सेबी ने यह भी कहा, "बैन में प्रवेश के बाद, दिन के अंत में फ्यूचर इक्विवेलेंट ओपन इंटरेस्ट में कमी आनी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि पहले दिन के अंत में डेल्टा स्थिति (+10) या (-10) है, तो दूसरे दिन के अंत तक यह घटकर 0 रह सकती है।"

जब किसी शेयर के लिए मार्केट ओपन इंटरेस्ट उस शेयर के एमडब्ल्यूपीएल के 95 प्रतिशत से अधिक हो जाता है, तो ब्रोकर और ट्रेडर केवल ऑफसेटिंग पोजीशन के माध्यम से अपनी पोजिशन कम करने के लिए ही ट्रेड कर सकते हैं।

मार्केट रेगुलेटर 3 नवंबर, 2025 से एकल शेयरों के लिए एमडब्ल्यूपीएल की इंट्राडे निगरानी शुरू करेगा। क्लियरिंग कॉर्पोरेशन इंट्राडे ट्रेडिंग सत्र के दौरान कम से कम चार बार निगरानी करेगा। यदि उल्लंघन होता है, तो एक्सचेंज अतिरिक्त निगरानी मार्जिन लगाने सहित कार्रवाई करेगा।

मार्केट रेगुलेटर ने यह भी बताया कि 6 दिसंबर, 2025 से ट्रेडिंग सुविधा और तरलता प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए प्री-ओपन सेशन को एफएंडओ तक बढ़ा दिया जाएगा, जैसा कि नकद बाजार में होता है।

Point of View

NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

सेबी के नए नियम कब लागू होंगे?
सेबी के नए नियम एक अक्टूबर से लागू होंगे।
इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य सट्टेबाजी को कम करना और जोखिम को कैश मार्केट के साथ समन्वयित करना है।
क्या एमडब्ल्यूपीएल का मतलब क्या है?
एमडब्ल्यूपीएल का मतलब मार्केट-वाइड पॉजिशन लिमिट है, जो डेरिवेटिव ट्रेडिंग में पोजिशन लिमिट को दर्शाता है।
कब से इंट्राडे निगरानी शुरू होगी?
इंट्राडे निगरानी 3 नवंबर, 2025 से शुरू होगी।
नए नियमों के उल्लंघन पर क्या कार्रवाई होगी?
उल्लंघन होने पर एक्सचेंज अतिरिक्त निगरानी मार्जिन लागू कर सकता है।