क्या फियो ने 'निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट' योजना को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया?

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क्या फियो ने 'निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट' योजना को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया?

सारांश

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) ने निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट योजना के विस्तार का स्वागत किया है। यह निर्णय निर्यातकों को वैश्विक चुनौतियों के बीच राहत प्रदान करेगा। जानिए इस योजना के महत्व और इसके निर्यात पर प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • आरओडीटीईपी योजना का विस्तार निर्यातकों के लिए राहत का संकेत है।
  • सरकार का निर्णय ग्लोबल मार्केट में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।
  • यह योजना निर्यात की नीति में स्थिरता प्रदान करती है।
  • फियो निर्यातकों का समर्थन करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करेगा।
  • इस योजना से निर्यातकों को नए गंतव्यों की खोज करने में मदद मिलेगी।

नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) ने मंगलवार को निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट (आरओडीटीईपी) योजना को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने के सरकार के निर्णय का स्वागत किया।

यह योजना घरेलू टैरिफ क्षेत्र (डीटीए), एडवांस ऑथराइजेशन होल्डर्स, विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) और निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) से होने वाले निर्यात को कवर करती रहेगी।

फियो के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि आरओडीटीईपी योजना का समय पर विस्तार निर्यातकों की चिंताओं को समाप्त करता है।

उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय वर्तमान वैश्विक चुनौतियों के बीच आया है और इसके साथ निर्यातकों को अपने शिपमेंट की योजना बनाने का विश्वास मिलेगा।

उन्होंने आगे कहा, "यह निर्णय निर्यात की योजना बनाने के लिए आवश्यक नीतिगत स्थिरता प्रदान करता है।"

रल्हन ने कहा कि आरओडीटीईपी ने टैक्स और ड्यूटी का रिफंड देकर भारतीय निर्यात को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, ऐसे टैक्स और ड्यूटी जो अन्यथा क्रेडिट नहीं होते।

उनका मानना है कि इस योजना के जारी रहने से भारतीय निर्यातक मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अपनी गति बनाए रख सकेंगे।

रल्हन ने कहा, "यह योजना नॉन-क्रेडिबल टैक्स और ड्यूटी के प्रभाव को खत्म कर भारतीय निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने में मददगार रही है और इसके जारी रहने से एक्सपोर्टर मौजूदा चुनौतीपूर्ण वैश्विक व्यापार माहौल में भी अपनी गति बनाए रख सकेंगे।"

उन्होंने निर्यातकों की चिंताओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की भी सराहना की।

उन्होंने कहा कि इस तरह की नीतिगत स्थिरता से ग्लोबल मार्केट में भारत की स्थिति मजबूत होती है और निर्यातकों को नए गंतव्यों की खोज करने और अपने उत्पादों की रेंज बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।

फियो ने यह भी आश्वासन दिया कि निर्यातकों का शीर्ष निकाय सरकार के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगा कि योजना का लाभ निर्यातकों को मिलता रहे। साथ ही, देश के महत्वाकांक्षी निर्यात वृद्धि लक्ष्यों में योगदान मिल सके।

Point of View

NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

आरओडीटीईपी योजना क्या है?
आरओडीटीईपी योजना निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट प्रदान करती है, जिससे भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ती है।
फियो का यह निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?
यह निर्णय निर्यातकों को वैश्विक चुनौतियों के बीच योजना बनाने में मदद करता है और निर्यात की स्थिरता को सुनिश्चित करता है।