आरबीआई ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को प्रीमैच्योर भुनाने की दर घोषित की?
सारांश
Key Takeaways
- आरबीआई ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को प्रीमैच्योर भुनाने की दर घोषित की है।
- निवेशकों को 382 प्रतिशत का रिटर्न मिला है।
- एसजीबी की मैच्योरिटी अवधि 8 वर्ष होती है।
- सोने की कीमतों में वृद्धि की संभावना बनी हुई है।
- बॉन्ड पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) 2017-18 सीरीज-XIII को प्रीमैच्योर भुनाने की दर का ऐलान किया है। इसमें निवेशकों को लगभग 382 प्रतिशत का रिटर्न प्राप्त हुआ है।
आरबीआई के अनुसार, 26 दिसंबर, 2017 को जारी किए गए एसजीबी 2017-18 सीरीज-XIII को 13,563 रुपए प्रति ग्राम के मूल्य पर प्रीमैच्योर भुनाया जा सकता है। एसजीबी की मैच्योरिटी अवधि आठ वर्ष होती है, और निवेशक इसे पांच साल पूरे होने के बाद प्रीमैच्योर तरीके से भुना सकते हैं, या फिर इसे होल्ड कर सकते हैं।
एसजीबी 2017-18 सीरीज-XIII को 2,866 रुपए प्रति ग्राम (डिस्काउंट के बिना) पर जारी किया गया था और इसे प्रीमैच्योर भुनाने पर निवेशकों को 381.6 प्रतिशत का रिटर्न मिलेगा।
यह रिटर्न एसजीबी पर मिलने वाली सालाना 2.5 प्रतिशत की ब्याज के अतिरिक्त है। यदि इसे भी जोड़ा जाए, तो एसजीबी का रिटर्न काफी बढ़ जाता है।
एसजीबी सरकार द्वारा समर्थित सिक्योरिटीज हैं जिनकी कीमत सोने के ग्राम के बराबर होती है। इन्हें फिजिकल सोना रखने के डिजिटल विकल्प के रूप में देखा जाता है। यह सोने से लिंक्ड है और जैसे-जैसे सोने की कीमत बढ़ती है, इनकी कीमतों में भी इजाफा होता है।
एसजीबी को मैच्योरिटी तक या पांच साल तक रखने पर कोई कैपिटल गेन टैक्स भी नहीं लगता है।
सोने की कीमतों में पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त तेजी आई है। इसका कारण अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती, अमेरिकी टैरिफ पर अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव, और सोना एवं चांदी के ईटीएफ में खरीदारी बढ़ना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में आगे भी इजाफा हो सकता है। इसका कारण भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी डॉलर की साख में गिरावट है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतें ऑल-टाइम हाई पर बनी हुई हैं। खबर लिखे जाने तक कॉमेक्स पर सोने का दाम 0.73 प्रतिशत बढ़कर 4,536 डॉलर प्रति औंस हो गया है।