क्या 2025 में रियल एस्टेट सेक्टर में 3.5 अरब डॉलर का निवेश हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- 2025 में प्राइवेट इक्विटी निवेश लगभग 3.5 अरब डॉलर रहा।
- ऑफिस संपत्तियों में 58 प्रतिशत निवेश हुआ।
- रिहायशी क्षेत्र में 17 प्रतिशत निवेश किया गया।
- निवेश का ध्यान कम जोखिम वाले प्रोजेक्ट्स पर रहा।
- रिटेल सेक्टर में 11 प्रतिशत का निवेश हुआ।
मुंबई, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 में भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में प्राइवेट इक्विटी निवेश लगभग 3.5 अरब डॉलर रहा। रविवार को एक नई रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की।
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि निवेशकों की रुचि स्थिर बनी रही और निवेश अधिकतर उन क्षेत्रों में किया गया, जहां कम जोखिम और स्थिर आय की संभावना थी।
इस रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में ऑफिस से संबंधित संपत्तियों में सबसे अधिक प्राइवेट इक्विटी निवेश हुआ।
कुल निवेश का 58 प्रतिशत, यानी लगभग 2 अरब डॉलर का निवेश ऑफिस रियल एस्टेट में किया गया। यह दर्शाता है कि निवेशक ऑफिस सेक्टर के विशाल आकार, किराए से मिलने वाली स्थिर आमदनी और कंपनियों की मांग पर विश्वास कर रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ऑफिस सेक्टर में निवेश की मात्रा पिछले तीन वर्षों के औसत के आस-पास रही, हालाँकि कुल निवेश की गति थोड़ी धीमी हुई।
रिहायशी, यानी आवासीय रियल एस्टेट सेक्टर इस वर्ष प्राइवेट इक्विटी निवेश का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र रहा। इसमें कुल निवेश का 17 प्रतिशत हिस्सा आया।
हालांकि, निवेश का तरीका काफी बदल गया। निवेशक सीधे हिस्सेदारी (इक्विटी) की बजाय सुरक्षित और तय कमाई वाले सौदों को अधिक पसंद कर रहे हैं।
निवेश का ध्यान ऐसे प्रोजेक्ट्स पर रहा, जहाँ नुकसान का खतरा कम हो और कार्य समय पर पूरा होने की संभावना साफ हो।
2025 में प्राइवेट इक्विटी निवेश की गति धीमी रही, क्योंकि पूंजी की लागत, संपत्तियों की कीमत और निवेश से बाहर निकलने की स्थिति में तालमेल नहीं बन पाया।
हालांकि, भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े, जैसे GDP वृद्धि, महंगाई और ब्याज दरों में सुधार दिखा, लेकिन ये बदलाव इतनी जल्दी नहीं हुए कि निवेशक बड़े जोखिम उठाएं।
इस कारण निवेशक सावधानी बरतते रहे और अधिक जोखिम वाले निवेश की बजाय स्थिर कमाई वाले विकल्पों का चयन किया।
वेयरहाउसिंग सेक्टर (गोदाम उद्योग) तीसरे स्थान पर रहा। इस क्षेत्र में कुल निवेश का 15 प्रतिशत हिस्सा आया।
ई-कॉमर्स, मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन के विकास से लॉजिस्टिक्स से जुड़ी संपत्तियों की मांग मजबूत रही। हालाँकि, स्थिर संस्थागत परिसंपत्तियों की उपलब्धता और नए प्रोजेक्ट्स को लेकर सतर्कता के कारण निवेश में वृद्धि नहीं हुई।
रिटेल रियल एस्टेट सेक्टर में 2025 में निवेश अपेक्षाकृत कम रहा। इसमें कुल निवेश का 11 प्रतिशत हिस्सा आया। यह मुख्य रूप से एक बड़े सौदे के कारण हुआ, क्योंकि पिछले करीब दो वर्षों से इस सेक्टर में निवेश कमजोर रहा था।
रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों ने केवल अच्छी गुणवत्ता वाले रिटेल प्रोजेक्ट्स में रुचि दिखाई, जहाँ कारोबार अच्छा हो और भविष्य में निवेश से बाहर निकलने की संभावना साफ हो। वहीं, छोटे या कमजोर मॉल्स में निवेश की रुचि कम बनी रही।