क्या भारतीय शेयर बाजार अब क्षेत्रीय स्तर पर आकर्षक है? एचएसबीसी ने 'न्यूट्रल' से 'ओवरवेट' रेटिंग बढ़ाई

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क्या भारतीय शेयर बाजार अब क्षेत्रीय स्तर पर आकर्षक है? एचएसबीसी ने 'न्यूट्रल' से 'ओवरवेट' रेटिंग बढ़ाई

सारांश

एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च ने भारतीय शेयर बाजार को आकर्षक बताया है। जानें किस प्रकार स्थानीय निवेशकों ने स्थिति को मजबूत किया है और विदेशी फंडों के प्रवास का असर क्या है।

Key Takeaways

  • एचएसबीसी ने भारतीय शेयर बाजार के लिए रेटिंग को बढ़ाया।
  • स्थानीय निवेशकों का भरोसा बाजार में स्थिरता लाने में सहायक है।
  • परिस्थितियों में सुधार की संभावना है।

नई दिल्ली, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च ने बुधवार को अपने घरेलू बाजार के लिए रेटिंग को 'न्यूट्रल' से 'ओवरवेट' में बदलने की घोषणा की, और कहा कि भारतीय शेयर बाजार अब क्षेत्रीय स्तर पर आकर्षक बन गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ का अधिकांश लिस्टेड कंपनियों के लाभ पर बहुत कम प्रभाव पड़ेगा।

पिछले १२ महीनों में, विदेशी फंड ने भारत से भारी मात्रा में पैसा निकाला है, जबकि इस दौरान मार्केट का प्रदर्शन चिंताजनक रहा। हालांकि, स्थानीय निवेशकों ने अपनी विश्वास बनाए रखा।

ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म ने कहा, "हालांकि कमाई में वृद्धि की उम्मीदें थोड़ी कम हो सकती हैं, लेकिन वैल्यूएशन अब चिंता का विषय नहीं है क्योंकि इक्विटी के लिए सरकारी नीति एक सकारात्मक कारक बन रही है और अधिकांश विदेशी फंड कम निवेश में हैं।"

इस वर्ष एशियाई बाजारों में विदेशी निवेशक लगातार विक्रेता रहे हैं, जो सामान्यत: क्षेत्रीय स्टॉक मार्केट के लिए सकारात्मक नहीं माना जाता।

स्थानीय रिटेल निवेशकों से कैश इनफ्लो के कारण मार्केट में औसतन २० प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि, चीनी इक्विटी, विशेषकर हांगकांग में, अच्छी बढ़त के बाद, आगे की गति अनिश्चित बनी हुई है।

एचएसबीसी ने कहा, "वैल्यूएशन बढ़ा हुआ है, लेकिन बहुत अधिक नहीं। हालाँकि, रिटेल निवेशकों के पास २२ ट्रिलियन डॉलर कैश है, जिसका कुछ हिस्सा धीरे-धीरे स्टॉक में लगाया जा रहा है, इसलिए हमें उम्मीद है कि चीनी शेयर धीरे-धीरे ऊपर जाएंगे।"

जापान, कोरिया और ताइवान में निवेशक इन बाजारों के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में निवेश करने में रुचि रखते हैं। विशेषकर कोरिया और ताइवान में अब बहुत अधिक ट्रेडिंग हो रही है।

वैल्यूएशन बढ़ गया है और जापान में कमजोर येन ने भी इक्विटी को समर्थन दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जापान और कोरिया में कॉर्पोरेट गवर्नेंस एक सकारात्मक दीर्घकालिक थीम है, लेकिन यह अकेले मार्केट को नहीं चला पाएगा। इक्विटी में हालिया उछाल के बाद हमने अगस्त के मध्य में कोरिया को अंडरवेट कर दिया था।

इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म ने कहा, "इस बीच, आसियान के निवेशकों का भरोसा कम बना हुआ है। थाईलैंड और इंडोनेशिया में राजनीति सुर्खियों में है। कैबिनेट में फेरबदल के बाद राजकोषीय विवेकशीलता पर ध्यान दिया जा रहा है।"

Point of View

यह कहना उचित है कि भारतीय शेयर बाजार में हालिया विकास एक सकारात्मक संकेत है। एचएसबीसी की रेटिंग में बदलाव स्थानीय निवेशकों की मजबूती को दर्शाता है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में बाजार में और सुधार होगा।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

एचएसबीसी ने भारतीय शेयर बाजार की रेटिंग क्यों बदली?
एचएसबीसी ने भारतीय शेयर बाजार को 'न्यूट्रल' से 'ओवरवेट' में बदला क्योंकि उन्होंने इसे क्षेत्रीय स्तर पर आकर्षक पाया।
क्या विदेशी फंडों का भारत से निकलना चिंताजनक है?
हां, लेकिन स्थानीय निवेशकों की हिम्मत ने स्थिति को संभाल लिया है।
क्या भारतीय शेयर बाजार में आगे बढ़ने की संभावना है?
हां, एचएसबीसी का मानना है कि स्थानीय निवेशकों के कारण स्थिति में सुधार हो सकता है।