क्या अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ने सेबी के पास 4,843 करोड़ रुपये जमा किए?

सारांश
Key Takeaways
- जेन स्ट्रीट ने 4,843 करोड़ रुपये जमा किए।
- सेबी ने अनुचित प्रथाओं के चलते कंपनी पर प्रतिबंध लगाया था।
- कंपनी ने एस्क्रो खाते में राशि जमा करने के बाद भी बाजार में प्रवेश नहीं किया।
- मार्किंग-द-क्लोज की प्रथा पर चर्चा हुई।
- कंपनी की तीन संबद्ध संस्थाएं भी प्रतिबंधित हैं।
मुंबई, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) न्यूयॉर्क में स्थित ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट ग्रुप ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के लिए एक एस्क्रो खाते में 4,843.50 करोड़ रुपये की राशि जमा करने की सूचना दी है। यह कदम पूंजी बाजार नियामक के निर्देशों के अनुसार उठाया गया है।
सेबी का आरोप है कि जेन स्ट्रीट ग्रुप ने शेयर बाजार में अनुचित प्रथाओं का उपयोग कर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया है, जिसके कारण इसे भारतीय शेयर बाजार में प्रवेश से प्रतिबंधित किया गया था।
इस महीने की शुरुआत में, सेबी ने वॉल स्ट्रीट की इस कंपनी पर तब तक कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया जब तक कि वह 4,843.5 करोड़ रुपये एस्क्रो खाते में जमा नहीं कर देती।
सोमवार को कई रिपोर्टों में पुष्टि की गई है कि कंपनी ने यह राशि जमा कर दी है। हालांकि, सेबी या जेन स्ट्रीट ने अब तक इन रिपोर्टों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस महीने की शुरुआत में, सेबी ने जेन स्ट्रीट पर आरोप लगाया था कि उसने नियमों का उल्लंघन करते हुए गलत रणनीतियों का उपयोग कर इंडेक्स ऑप्शंस में 43,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ कमाया है।
बाजार नियामक के अनुसार, जेन स्ट्रीट और उसकी संबंधित संस्थाओं ने बैंक निफ्टी सूचकांक को कृत्रिम रूप से बढ़ाने और घटाने के लिए एक इंट्रा-डे ट्रेडिंग रणनीति विकसित की।
नियामक ने इसे 'मार्किंग-द-क्लोज' का एक क्लासिक मामला बताया, जहां एक व्यापारी समाप्ति से ठीक पहले अपने खुद के डेरिवेटिव पोजीशन के लाभ में अंतर्निहित सूचकांक की कीमतों में हेरफेर करता है।
सेबी ने जेन स्ट्रीट और उसकी तीन संबंधित संस्थाओं - जेएसआई 2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड को अगले नोटिस तक भारतीय प्रतिभूति बाजार में प्रवेश से रोक दिया है।