क्या केंद्र ने प्राइवेट इंडस्ट्रीज के लिए ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया?
सारांश
Key Takeaways
- ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा से मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान होगी।
- यह कदम व्यापार में सटीकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
- जीएटीसी मान्यता के लिए १८ प्रकार के उपकरणों की वेरिफिकेशन होगी।
नई दिल्ली, १२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस घोषणा के तहत, प्राइवेट इंडस्ट्रीज, प्रयोगशालाओं और टेस्टिंग फैसिलिटी के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। यह पोर्टल गवर्मेंट अप्रूव्ड टेस्ट सेंटर्स के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन करने के लिए उपयोग किया जाएगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस पोर्टल के जरिए आवेदन ३० नवंबर तक सबमिट किए जा सकेंगे। यह कदम भारत के वेरिफिकेशन इकोसिस्टम और माप-तौल के इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो व्यापार में सटीकता, पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देगा।
मंत्रालय ने बताया, "उन संगठनों को जीएटीसी मान्यता के लिए आवेदन करने का आमंत्रण दिया जाता है जिनके पास प्रॉपर टेस्टिंग उपकरण, कैलिब्रेशन फैसिलिटी और क्वालिफाइड स्टाफ हैं। ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रक्रिया का उद्देश्य व्यवसायों के लिए आवेदन को सरल बनाना है। इसके साथ ही, डिजिटल पोर्टल के माध्यम से तेज़ और पारदर्शी अनुमोदनों की सुनिश्चितता भी है।"
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त जीएटीसी १८ प्रकार के तौल और माप उपकरणों को वेरिफाई करने के लिए अधिकृत किया जाएगा। इनमें शामिल हैं: वॉटर मीटर, स्फिग्मोमैनोमीटर, क्लिनिकल थर्मामीटर, ऑटोमैटिक रेलवेब्रिज, टेप मेजर आदि। इसके अतिरिक्त, १५० किलोग्राम तक के भार के साथ एक्युरेसी क्लास III के नॉन-ऑटोमैटिक वेइंग इंस्ट्रूमेंट भी शामिल होंगे।
मंत्रालय के मुताबिक, मान्यता प्राप्त जीएटीसी वेरिफिकेशन और रि-वेरिफिकेशन के लिए शुल्क लेंगे। ये मानकीकृत शुल्क सम्पूर्ण देश में एकरूपता और पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं। उदाहरण के लिए, डोमेस्टिक वॉटर मीटर के लिए २५० रुपये, कमर्शियल वॉटर मीटर के लिए १,००० रुपये तथा इंडस्ट्रियल वॉटर मीटर के लिए २,५०० रुपये शुल्क होगा।