क्या कौशल विकास में कोई निश्चित नियम हो सकते हैं? : केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी

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क्या कौशल विकास में कोई निश्चित नियम हो सकते हैं? : केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी

सारांश

कौशल विकास के क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। उनका मानना है कि कौशल विकास के लिए कोई निश्चित रूपरेखा नहीं हो सकती और राज्यों को अपने युवाओं की आकांक्षाओं के अनुसार समाधान तैयार करने के लिए सशक्त करना आवश्यक है।

Key Takeaways

  • सशक्त बनाना - राज्यों को उनके युवाओं की आवश्यकताओं के अनुसार समाधान तैयार करने के लिए सशक्त बनाना जरूरी है।
  • क्वालिटी ट्रेनिंग का महत्व - प्रशिक्षकों को गुणवत्ता प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
  • स्थानीय कौशल योजनाएं - जिला कलेक्टरों के साथ मिलकर स्थानीय कौशल योजनाएं विकसित करनी चाहिए।

नई दिल्ली, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने बताया कि कौशल विकास के लिए कोई निश्चित रूपरेखा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सार्थक प्रभाव और निरंतर परिवर्तन के लिए हमें राज्यों को ऐसे समाधान तैयार करने के लिए सशक्त बनाना चाहिए, जो उनके युवाओं की आकांक्षाओं के अनुरूप हों।

हैदराबाद के कान्हा शांति वनम में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा आयोजित कौशल मंथन क्षेत्रीय कार्यशाला में केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कौशल विकास में कठोर, एक ही तरह के दृष्टिकोण से दूर जाने का आह्वान किया।

केंद्रीय मंत्री ने हैदराबाद और चेन्नई में राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में देश भर के प्रस्तावित पांच में से दो नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की घोषणा की। ये केंद्र उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षक प्रशिक्षण और उभरते क्षेत्रों के साथ जुड़े विशेष कौशल के लिए राष्ट्रीय संदर्भ बिंदु के रूप में काम करेंगे।

केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने राज्यों के लिए कौशल विकास के अधिक रणनीतिक, परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो भारत के युवाओं की आकांक्षाओं और अर्थव्यवस्था की उभरती मांगों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ हो।

केंद्रीय मंत्री ने ट्रेनर्स को क्वालिटी ट्रेनिंग जितना महत्वपूर्ण बताते हुए बेहतर संस्थागत क्षमता, प्रतिस्पर्धी पारिश्रमिक और कठोर शैक्षणिक मानकों के जरिए फैकल्टी डेवलपमेंट में डेडिकेटेड इन्वेस्टमेंट का आह्वान किया।

उन्होंने राज्यों से स्थानीय कौशल योजनाओं को विकसित करने के लिए जिला कलेक्टरों के साथ मिलकर काम कर एक विकेन्द्रीकृत और डेटा-ड्रिवन प्लानिंग फ्रेमवर्क अपनाने का आग्रह किया।

केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी नए भर्ती किए गए प्रशिक्षकों के लिए, खासकर राज्यों में नए स्थापित आईटीआई में, सीआईटीएस (क्राफ्ट इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग स्कीम) सर्टिफिकेशन अनिवार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आवश्यकता पूरे देश में उच्च गुणवत्ता, मानकीकृत निर्देश सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

राज्यों से निर्देशात्मक उत्कृष्टता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए एनसीवीटी मानदंडों से जोड़ने के लिए उनके भर्ती नियमों को संशोधित करने का आग्रह किया गया है।

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने जवाबदेही, गुणवत्ता आश्वासन और प्रदर्शन-संचालित परिणामों को बढ़ावा देने के लिए राज्य के स्वामित्व वाले आईटीआई के लिए एक मजबूत ग्रेडिंग और असेसमेंट फ्रेमवर्क की स्थापना का प्रस्ताव रखा।

उन्होंने राज्यों को आर्थिक विकास और सामाजिक समानता में कौशल की भूमिका के बारे में निर्वाचित प्रतिनिधियों को संवेदनशील बनाने के लिए डीआईएसएचए (दिशा) बैठकों जैसे प्लेटफार्मों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि कौशल विकास में लचीलापन और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार समाधान आवश्यक हैं। जयंत चौधरी का दृष्टिकोण इस बात पर जोर देता है कि हमें युवा शक्ति को सशक्त करने की आवश्यकता है ताकि वे अर्थव्यवस्था की बदलती मांगों के साथ तालमेल बिठा सकें।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या कौशल विकास के लिए कोई निश्चित योजना होनी चाहिए?
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी का मानना है कि कौशल विकास के लिए कोई निश्चित योजना नहीं हो सकती, बल्कि राज्यों को अपने युवाओं की आवश्यकताओं के अनुसार समाधान तैयार करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कौन से नए केंद्र की घोषणा की?
केंद्रीय मंत्री ने देश भर में प्रस्तावित पांच में से दो नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की घोषणा की है।
राज्यों को कौशल विकास के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
राज्यों को एक विकेन्द्रीकृत और डेटा-ड्रिवन प्लानिंग फ्रेमवर्क अपनाने की आवश्यकता है।