क्या अनिश्चितता के दौर में सोना और चांदी निवेशकों की पहली पसंद बने रहेंगे? 2026 में उम्मीदें मजबूत
सारांश
Key Takeaways
- सोना और चांदी इस वर्ष निवेशकों के लिए लाभकारी रहे हैं।
- चांदी ने सोने से अधिक लाभ दिया है।
- केंद्रीय बैंकों की खरीदारी सोने की कीमत को प्रभावित कर रही है।
- औद्योगिक मांग चांदी की कीमतों को बढ़ा रही है।
- 2026 में कीमतों में वृद्धि की संभावना है।
मुंबई, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष वैश्विक स्तर पर कई प्रकार की अनिश्चितताएं रही हैं, बावजूद इसके कीमती धातुओं (सोना और चांदी) ने निवेशकों को उत्तम लाभ दिया है। विशेष रूप से, चांदी ने सभी को आश्चर्यचकित करते हुए सोने से भी अधिक लाभ दिया।
इस वर्ष चांदी की कीमतों में 137 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, जबकि सोने की कीमत में लगभग 68 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई।
शेयर बाजार में अस्थिरता के चलते लोग सुरक्षित निवेश की ओर बढ़े, जिसमें सोना और चांदी प्रमुख विकल्प बने। इनमें चांदी ने सबसे अधिक ध्यान खींचा।
सोने की कीमत में वृद्धि के कई कारण हैं, जैसे कि भू-राजनीतिक तनाव, महंगाई की चिंताएं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की अपेक्षाएं, जिनके कारण लोगों ने सोने में अधिक निवेश किया।
एक बड़ा कारण यह भी है कि विश्व के कई केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में - 2022, 2023 और 2024 में केंद्रीय बैंकों ने हर वर्ष 1,000 टन से अधिक सोना खरीदा। इसके अलावा, कई निवेशक गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से भी सोने में निवेश कर रहे हैं।
विश्व के बड़े बैंक भी सोने के प्रति सकारात्मक रुख रख रहे हैं। गोल्डमैन सैक्स ने भविष्यवाणी की है कि 2026 के अंत तक सोने की कीमत 4,900 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। वहीं, ड्यूश बैंक का मानना है कि 2026 में सोने की कीमत 4,450 डॉलर प्रति औंस हो सकती है।
हालांकि, चांदी की कीमत में वृद्धि का कारण केवल सुरक्षित निवेश की मांग नहीं है। इसका उपयोग उद्योगों में भी व्यापक रूप से हो रहा है। सोलर पावर, इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्माण में चांदी की मांग में तेजी आई है।
साथ ही, चांदी की आपूर्ति सीमित रहने के कारण इसकी कीमत और अधिक बढ़ी है। कीमती धातु और उद्योग में उपयोग दोनों कारणों से चांदी ने 2025 में सोने से दोगुना लाभ दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 में भी चांदी की कीमतों में तेजी बनी रह सकती है। मजबूत औद्योगिक मांग और सीमित आपूर्ति के कारण अगले वर्ष चांदी की कीमत 15 से 20 प्रतिशत तक और बढ़ सकती है।
कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि 2026 के पहले छह महीनों में ही चांदी 20 से 25 प्रतिशत तक का और लाभ दे सकती है। हालाँकि, वे सलाह देते हैं कि निवेश धीरे-धीरे करना चाहिए, खासकर जब कीमतों में कुछ कमी आए।
सोने का भविष्य भी 2026 के लिए सकारात्मक माना जा रहा है। केंद्रीय बैंकों की खरीद, अमेरिका में ब्याज दरों में कमी की उम्मीद और दुनिया में चल रही अनिश्चितताएं सोने की कीमत को मजबूती प्रदान कर सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय बैंकों की गतिविधियों पर ध्यान देना आवश्यक है, क्योंकि वे भविष्य में कीमतों का संकेत देती हैं।
यदि इनकी कीमतों की बात करें, तो बुधवार सुबह के कारोबारी सत्र में एमसीएक्स पर सोने और चांदी, दोनों की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और यूएस फेड के ब्याज दर में कटौती की अपेक्षा के कारण कीमतों में तेजी आई।
इस दौरान, फरवरी डिलीवरी वाला सोने का वायदा भाव 1,38,676 रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जबकि मार्च डिलीवरी वाली चांदी 2,24,430.00 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई।
विश्व बाजार में भी सोने की कीमत पहली बार 4,500 डॉलर प्रति औंस के पार चली गई। निवेशकों को उम्मीद है कि अमेरिका अगले वर्ष ब्याज दरें और कम कर सकता है, इसलिए लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोना खरीद रहे हैं।