क्या नए लेबर कोड बीड़ी और सिगार श्रमिकों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित कर रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- नए लेबर कोड के तहत वेतन सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
- सामान्य कार्य-दिवस 8 घंटे होगा।
- ओवरटाइम का भुगतान दोगुनी दर पर होगा।
- सभी श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया गया।
- स्वास्थ्य जांच का अधिकार मिलेगा।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार, नए लेबर कोड बीड़ी और सिगार श्रमिकों के लिए मजबूत वेतन सुरक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों के साथ-साथ विस्तारित सामाजिक सुरक्षा लाभों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस क्षेत्र में अब पहले से ज्यादा औपचारिकता आई है, जिससे एक मजबूत नियामक ढांचा तैयार हुआ है, जो पूरे देश में श्रमिकों की आजीविका को अधिक स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करता है।
इससे पहले, बीड़ी और सिगार श्रमिकों को कम सुरक्षा के तहत काम करना पड़ता था जैसा कि बीड़ी और सिगार वर्कर्स (रोजगार की शर्तें) एक्ट, 1966 के तहत था। एक सामान्य काम का दिन नौ घंटे तक बढ़ सकता था।
अब नए लेबर कोड के तहत सामान्य कार्य-दिवस को समान रूप से 8 घंटे निर्धारित किया गया है, और साप्ताहिक 48 घंटे की सीमा पहले की तरह बनी हुई है।
ओवरटाइम का भुगतान सामान्य वेतन की दोगुनी दर पर किया जाएगा।
कर्मचारियों को हर वर्ष मुफ्त स्वास्थ्य जांच करवाने का अधिकार भी दिया गया है।
नए लेबर कोड के साथ यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी नियोक्ता किसी कर्मचारी को न्यूनतम वेतन से कम नहीं दे सकता है।
पहले न्यूनतम वेतन केवल सूचीबद्ध रोजगारों पर लागू होता था, लेकिन अब यह सभी कर्मचारियों पर लागू होगा।
साथ ही, वेतन भुगतान समयबद्ध होना अनिवार्य किया गया है। नियोक्ता को कर्मचारियों को वेतन भुगतान से पहले या भुगतान के समय उनकी वेतन पर्ची इलेक्ट्रॉनिक या फिजिकल रूप में जारी करनी होगी।
आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्र सरकार कर्मचारियों के न्यूनतम जीवन-स्तर जैसे भोजन, कपड़े को ध्यान में रखते हुए आधार वेतन तय करेगी। इसे समय-समय पर संशोधित भी किया जाएगा।
सरकार साफ-सफाई, पीने का पानी, शौचालय, रेस्ट रूम, कैंटीन आदि और बीड़ी व सिगार से जुड़े कार्यस्थलों के लिए व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के मानक भी निर्धारित करेगी।