क्या भारतीय एनबीएफसी कंपनियों का एयूएम मार्च 2027 तक 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक होगा?
सारांश
Key Takeaways
- एनबीएफसी का एयूएम मार्च 2027 तक 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है।
- खपत में वृद्धि और जीएसटी सुधार इसके प्रमुख कारण हैं।
- पर्सनल लोन और असुरक्षित बिजनेस लोन सेगमेंट में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) का चालू वित्त वर्ष और वित्त वर्ष 27 में 18-19 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, और यह मार्च 2027 तक 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक पहुंचने की संभावना है। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, एनबीएफसी के एयूएम में तेजी का प्रमुख कारण खपत में वृद्धि, जीएसटी सुधार और महंगाई में कमी है।
ये सभी कारक मिलकर रिटेल क्रेडिट डिमांड को बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि, विभिन्न कंपनियों की जोखिम क्षमता और फंडिंग तक पहुंच इस क्षेत्र के विकास के दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकती है।
क्रिसिल रेटिंग्स के मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमन ने कहा, "एनबीएफसी कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच व्हीकल फाइनेंस और होम लोन में निरंतर वृद्धि देखने को मिलेगी। हालांकि, ग्राहक लीवरेज में वृद्धि पर सावधानी बरतते हुए, एनबीएफसी विशेष रूप से सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्यम (एमएसएमई) और असुरक्षित लोन क्षेत्रों में रिस्क-कैलिब्रेटेड विकास को अपनाएंगे।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 26 और वित्त वर्ष 27 में व्हीकल फाइनेंस सेगमेंट 16-17 प्रतिशत और होम लोन सेगमेंट 12-13 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
जीएसटी से मिले प्रोत्साहन के साथ-साथ खरीदारों के बीच प्रीमियम वाहनों की बढ़ती प्राथमिकता और सेकंड हैंड व्हीकल फाइनेंस पर ध्यान केंद्रित करने से इस क्षेत्र में एयूएम वृद्धि को समर्थन मिलेगा, भले ही नए वाहनों में बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा मजबूत बनी हुई है।
हालांकि, अंतिम उपयोगकर्ता आवास की दीर्घकालिक मांग मजबूत बनी हुई है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कड़ी प्रतिस्पर्धा से विकास प्रभावित होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, पर्सनल लोन सेगमेंट का एयूएम 22-25 प्रतिशत, और असुरक्षित बिजनेस लोन सेगमेंट 13-14 प्रतिशत की वृद्धि दिखा सकता है।