क्या पीएम मोदी ने व्यापारियों से स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- स्वदेशी उत्पादों का उपयोग सभी व्यापारियों की जिम्मेदारी है।
- आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने के लिए हमें एकजुट होना होगा।
- गुलामी के बाद, किसानों ने आहार के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त की।
- हमारी संस्कृति और पहचान को बनाए रखने के लिए स्वदेशी उत्पाद महत्वपूर्ण हैं।
- समृद्ध भारत के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से देश भर के व्यापारियों से अपील की है कि वे स्वदेशी उत्पादों को मजबूरी में नहीं, बल्कि मजबूती के साथ अपनाएं और उनका प्रचार करें। इससे आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो सकेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि स्वदेशी को बढ़ावा देना केवल किसी राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं है, बल्कि यह सभी भारतीयों का साझा ध्येय होना चाहिए।
उन्होंने छोटे व्यापारियों से कहा, "जब हम छोटे थे तो घी की दुकान पर लिखा होता था 'घी की दुकान'। अब समय आ गया है कि ऐसे व्यापारी आगे आएं जो स्वदेशी पर गर्व करें और बोर्ड पर लिखें, 'यहां स्वदेशी माल बिकता है'। हमें मजबूरी में नहीं, बल्कि मजबूती से आगे बढ़ना है।"
प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल का भी जिक्र किया और कहा, "भारतीय मेहनत से निर्मित उत्पादों को प्राथमिकता देकर देश तेजी से बदल सकता है। हमें उन उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए जिनमें हमारी मेहनत की महक हो। इससे न केवल आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि देश तेजी से प्रगति करेगा।"
उन्होंने आगे कहा कि 140 करोड़ देशवासियों का एक ही मंत्र होना चाहिए - समृद्ध भारत।
पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक पहलुओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश और समाज की समग्र ताकत से जुड़ी है। जब हम आत्मनिर्भर होते हैं, तो हमारी क्षमताएं मजबूत होती हैं।
गुलामी ने भारत को आर्थिक रूप से कमजोर बनाया था। आजादी के बाद, भारतीय किसानों ने अपनी मेहनत से अनाज के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाया। पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता किसी भी राष्ट्र के आत्मसम्मान की सबसे बड़ी कसौटी है।