क्या एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट्स की समयसीमा बढ़ाई जाएगी? सेबी चीफ का बयान

सारांश
Key Takeaways
- सेबी समयसीमा बढ़ाने की सूचना पहले से देगा।
- निवेशकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
- हेरफेर और धोखाधड़ी का जांच जारी रहेगा।
- पारदर्शिता के साथ निर्णय लिया जाएगा।
- आर्थिक आंकड़ों की निगरानी की जाएगी।
मुंबई, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने शुक्रवार को एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट्स की समयसीमा बढ़ाने पर कहा कि अगर हम इस विषय में कोई निर्णय लेते हैं, तो उसकी पूरी जानकारी बाजार के साथ साझा की जाएगी और अचानक कोई सरप्राइज नहीं देंगे।
एफएंडओ वीकली एक्सपायरी और निवेशकों की सुरक्षा से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पांडे ने कहा, "हम बाजार पर लगातार निगरानी रख रहे हैं और पहले कुछ कदम उठाए गए थे, जिन्हें लागू किया जा रहा है और डेटा भी जारी किया गया है। यदि भविष्य में कोई और निर्णय लेना होगा, तो हम सरप्राइज नहीं करेंगे, इसे बाजार के साथ साझा किया जाएगा।"
इंडसइंड बैंक में गड़बड़ी के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में सेबी अध्यक्ष ने कहा कि यह संभव नहीं है कि हम हमेशा हर स्थिति को जान लें, लेकिन वित्तीय आंकड़े आते हैं और कई मीटिंग होती हैं। इसलिए, हमें ऐसे साधन विकसित करने होंगे जिससे हम डेटा के माध्यम से इस तरह की गड़बड़ी को आसानी से पकड़ सकें।
जेन स्ट्रीट के इनकम टैक्स से शेयर करने के सवाल पर पांडे ने कहा कि हर एजेंसी का अपना दायरा और कार्यक्षेत्र होता है और जब जानकारी मिलती है, तो वह इंटर-एजेंसी साझा की जाती है, ताकि विभिन्न एजेंसियाँ अपने दायरे के अनुसार कार्य कर सकें।
इससे पहले, जेन स्ट्रीट मामले में जुलाई के पहले हफ्ते में सेबी अध्यक्ष ने कहा था कि हमें नए नियमों की आवश्यकता नहीं है, बल्कि अधिक प्रवर्तन और निगरानी की आवश्यकता है।
पांडे ने कहा था कि हेरफेर करने वाले व्यवहारों को विभिन्न खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न तरीकों से समझा जा सकता है। ऐसा कोई एक विशेष तरीका नहीं है जिससे आपको आकलन करना पड़े... हमारे पीएफयूटीपी विनियमों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि बाजार में हेरफेर और धोखाधड़ी वाले व्यवहारों की अनुमति नहीं है और विनियमों के तहत सेबी के पास जांच करने और कार्रवाई करने की सभी शक्तियां हैं।