क्या सिक्योर्ड लोन देने वाली एनबीएफसी कंपनियों में अगले दो वर्षों में ग्रोथ देखने को मिलेगी?
सारांश
Key Takeaways
- सिक्योर्ड लोन में वृद्धि की संभावना है।
- एनबीएफसी का एयूएम 18-19 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान।
- दीर्घकालिक कारक होम लोन की मांग को समर्थन दे रहे हैं।
- शहरीकरण और आयकर कटौती से उधार लेना आसान होगा।
- प्रॉपर्टी लोन की वृद्धि धीमी होगी।
नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बैंकिंग क्षेत्र से भिन्न, सिक्योर्ड लोन प्रदान करने वाली नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) के एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में अगले दो वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई है।
क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सिक्योर्ड लोन देने वाली एनबीएफसी का एयूएम चालू और अगले वित्त वर्ष में 18-19 प्रतिशत बढ़ने की आशंका है। पिछले वर्ष भी इन एनबीएफसी के एयूएम की वृद्धि दर 18.5 प्रतिशत रही थी।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सिक्योर्ड लोन देने वाली एनबीएफसी के तीन मुख्य व्यापार खंड हैं, जिनमें होम लोन, प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लोन और थोक लोन शामिल हैं।
होम लोन, जो कुल पोर्टफोलियो का लगभग 59 प्रतिशत है, इस वर्ष और अगले वर्ष 12-13 प्रतिशत की मध्यम वृद्धि की उम्मीद है, जो पिछले वित्त वर्ष में दर्ज 14 प्रतिशत की वृद्धि से थोड़ा कम है।
प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लोन, जो कुल एयूएम में लगभग 32 प्रतिशत का योगदान देता है, होम लोन की तुलना में तेजी से बढ़ता रहेगा लेकिन उसकी गति पहले की तुलना में धीमी होगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इसकी वृद्धि पिछले वर्ष के 32 प्रतिशत की तुलना में घटकर 27-29 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
थोक लोन सेगमेंट, जिसमें डेवलपर फंडिंग और लीज रेंटल डिस्काउंटिंग शामिल हैं, में वित्त वर्ष 2025 में मामूली सुधार देखने को मिलेगा। इस सेगमेंट में और तेजी आने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि होम लोन की मांग को समर्थन देने वाले दीर्घकालिक कारक मजबूत बने हुए हैं। भारत में अभी भी सिक्योर्ड लोन की पहुंच कम है और शहरीकरण बढ़ रहा है।
केंद्रीय बजट में हाल ही में घोषित आयकर कटौती से खर्च करने योग्य आय में और वृद्धि होगी, जिससे उधार लेना आसान हो जाएगा। साथ ही, निर्माण सामग्री और निर्माणाधीन घरों पर जीएसटी में कटौती से अफोर्डेबिलिटी में वृद्धि होने की उम्मीद है।