क्या पीएमआई, ऑटो बिक्री और आर्थिक आंकड़ों से शेयर बाजार का रुझान तय होगा?

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क्या पीएमआई, ऑटो बिक्री और आर्थिक आंकड़ों से शेयर बाजार का रुझान तय होगा?

सारांश

भारतीय शेयर बाजार के रुझान को अगले हफ्ते महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों से प्रभावित किया जाएगा। जानें क्या कहता है बाजार का हाल और क्या हैं निवेश के संकेत।

Key Takeaways

  • आगामी आर्थिक आंकड़े बाजार के रुझान को प्रभावित करेंगे।
  • इंटरनेशनल मार्केट पर ध्यान दें।
  • निवेशकों की रुचि बढ़ी है।
  • स्थिरता महत्वपूर्ण है।
  • ऑटो बिक्री का डेटा महत्वपूर्ण है।

मुंबई, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए आने वाला हफ्ता बेहद महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। ऑटो बिक्री, पीएमआई, एफआईआई डेटा और वैश्विक आर्थिक आंकड़े बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे।

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, 30 जून से 4 जुलाई के बीच भारत और अमेरिका में कई महत्वपूर्ण आर्थिक डेटा जारी किए जाएंगे।

ब्रोकिंग फर्म द्वारा जारी नोट में कहा गया है कि भारत में 30 जून को मई का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन डेटा आएगा, जो देश के मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट की सही तस्वीर पेश करेगा। इसके अतिरिक्त, पहली तिमाही का करंट अकाउंट डेटा भी जारी होगा।

1 जुलाई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा भारत का जून का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा जारी किया जाएगा। इसी दिन ऑटो कंपनियों द्वारा बिक्री के आंकड़े भी सामने आएंगे। इसके अलावा, 3 जुलाई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा सर्विसेज पीएमआई का डेटा जारी किया जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था की समग्र तस्वीर स्पष्ट होगी।

वैश्विक स्तर पर, अमेरिका में अगले हफ्ते मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई, जॉबलेस क्लेम, नॉनफार्म पेरोल्स और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े जारी किए जाएंगे, जो ग्लोबल मार्केट्स पर काफी असर डाल सकते हैं।

पिछले हफ्ते शेयर बाजार का प्रदर्शन बहुत शानदार रहा। इस दौरान निफ्टी 525.40 अंक या 2.09 प्रतिशत बढ़कर 25,637.80 और सेंसेक्स 1,650.73 अंक या 2.00 प्रतिशत बढ़कर 84,058.90 पर बंद हुआ।

इस दौरान निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 2.40 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 4.30 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए। निफ्टी मेटल (4.81 प्रतिशत), निफ्टी कमोडिटीज (4.03 प्रतिशत) और निफ्टी इन्फ्रा (3.37 प्रतिशत) ने सबसे ज्यादा वृद्धि दिखाई।

शेयर बाजार की वृद्धि का कारण ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष का समाप्त होना और वैश्विक स्तर पर स्थिरता को माना जा रहा है।

पिछले हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध खरीदार के रूप में लौटे, जिन्होंने तेल की कीमतों में गिरावट, स्थिर रुपए और वैश्विक जोखिम क्षमता में सुधार के चलते भारतीय इक्विटी में 4,423 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया। घरेलू संस्थागत निवेशक भी शुद्ध खरीदार बने रहे, क्योंकि उन्होंने भारतीय इक्विटी में लगभग 12,390 करोड़ रुपए की खरीदारी की।

Point of View

हमें समझना होगा कि आर्थिक आंकड़ों का शेयर बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इन आंकड़ों के साथ ही वैश्विक स्थिरता और निवेशकों का विश्वास भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

अगले हफ्ते शेयर बाजार का क्या रुझान रहेगा?
अगले हफ्ते पीएमआई, ऑटो बिक्री और आर्थिक आंकड़ों के आधार पर बाजार का रुझान तय होगा।
एफआईआई का बाजार पर क्या प्रभाव है?
एफआईआई का निवेश बाजार के लिए सकारात्मक संकेत होता है, जो कि भारतीय इक्विटी में बढ़ोतरी का कारण बनता है।