क्या सोने ने बनाया नया ऑल-टाइम हाई, 14 वर्षों में सबसे अधिक मासिक रिटर्न देने के लिए तैयार?
सारांश
Key Takeaways
- सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई हैं।
- अमेरिकी शटडाउन की संभावना ने कीमतों को बढ़ावा दिया है।
- सोने ने पिछले एक वर्ष में 40% रिटर्न प्रदान किया है।
- मौद्रिक नीति के ऐलान पर निवेशकों का ध्यान रहेगा।
- आने वाले समय में सोने की स्थिति मजबूत रहने की उम्मीद है।
मुंबई, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोने की कीमतें मंगलवार को एक बार फिर से रिकॉर्ड हाई पर पहुँच गई हैं और यह पिछले 14 वर्षों में सबसे अधिक मासिक रिटर्न देने के लिए तैयार है। इसका मुख्य कारण अमेरिकी सरकार के शटडाउन की आशंका और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में एक और कटौती की संभावना है।
सितंबर में सोने की कीमतों में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह अगस्त 2011 के बाद का सबसे अच्छा प्रदर्शन है, जब सोने ने 15 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया था।
पिछले एक वर्ष में सोना 40 प्रतिशत और चांदी 50 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न निवेशकों को दे चुकी है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सुबह 11:50 पर सोने के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 1.11 प्रतिशत बढ़कर 1,17,632 रुपए पर पहुँच गई।
सोने के साथ चांदी की कीमत भी ऑल-टाइम हाई पर चल रही है। एमसीएक्स पर चांदी के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 0.74 प्रतिशत बढ़कर 1,44,165 रुपए हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। खबर लिखे जाने तक कॉमैक्स पर सोना 1 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,896 प्रति औंस और चांदी की कीमत 0.66 प्रतिशत बढ़कर 47.32 प्रति औंस पर थी।
सोने की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर अस्थिरता है। अमेरिकी सरकार के शटडाउन की संभावना ने इसे और अधिक बढ़ा दिया है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दर में एक और कटौती की उम्मीद ने सोने में तेजी को बढ़ावा दिया है। आने वाले समय के लिए सोने की स्थिति मजबूत नजर आ रही है और यह 1,13,500 रुपए से लेकर 1,16,500 रुपए की रेंज में रह सकता है।
इस सप्ताह निवेशकों का ध्यान यूएस नॉन-फार्म पेरोल, एडीपी रोजगार डेटा और 1 अक्टूबर 2025 को आरबीआई की मौद्रिक नीति के ऐलान पर रहेगा।