क्या उत्तर प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई इकाइयों में 2 करोड़ से अधिक लोग कार्यरत हैं?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई इकाइयाँ हैं।
- मुख्यमंत्री ने जातिगत भेदभाव को समाप्त करने का वादा किया है।
- यूथ अड्डा और सीएम युवा मोबाइल ऐप युवाओं के लिए महत्वपूर्ण पहल हैं।
- ओडीओपी योजना ने कारीगरों को वैश्विक पहचान दिलाई है।
- 2017 से आज तक प्रदेश की आर्थिक प्रगति उल्लेखनीय रही है।
लखनऊ, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। 'विश्व एमएसएमई दिवस' के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में एक भव्य समारोह का आयोजन किया, जहां उन्होंने उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने यूथ अड्डा का लोकार्पण, सीएम युवा मोबाइल ऐप का शुभारंभ और बरेली-मुरादाबाद में 18 करोड़ रुपए की ओडीओपी सीएफसी परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में जातिगत भेदभाव को समाप्त कर सभी समुदायों के युवाओं को समान अवसर देने की डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जातिगत संघर्षों को बढ़ावा दिया, जिससे प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया। 2017 से पहले का उत्तर प्रदेश दंगों और माफिया गिरोहों के लिए जाना जाता था। पिछली सरकारों की उपलब्धि बस जातीय संघर्षों को बढ़ावा देने तक सीमित रही।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने 24 जनवरी 2018 को पहली बार अपने स्थापना दिवस का आयोजन किया, जो पहले कभी नहीं हुआ था। पिछली सरकारें जातीय संघर्षों में व्यस्त थीं और प्रदेश के विकास की ओर ध्यान नहीं दे पाईं।
मुख्यमंत्री ने 'यूथ अड्डा' का लोकार्पण किया, जो कि यूपीकॉन द्वारा नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है। यह मंच सभी जातियों के युवाओं को अपने व्यवसायिक विचार साझा करने, बैंकों से ऋण प्राप्त करने और अनुभवी मेंटर्स से मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर देगा।
सीएम योगी ने सीएम युवा मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया, जो युवाओं को उद्यमिता से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ऐप सभी समुदायों के युवाओं को बिना किसी जातिगत भेदभाव के प्रशिक्षण, ऋण और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करेगा।
उन्होंने बताया कि वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत बरेली और मुरादाबाद में 18 करोड़ रुपए की लागत से कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर (सीएफसी) परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडीओपी के माध्यम से हर जनपद की विशिष्टता को वैश्विक मंच मिल रहा है। यह योजना सभी जातियों के कारीगरों को समान अवसर प्रदान करती है, जिससे मुरादाबाद का ब्रास, भदोही का कालीन और लखनऊ की चिकनकारी जैसे उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई इकाइयों में 2 करोड़ से अधिक लोग कार्यरत हैं। हमारी सरकार ने इन इकाइयों को बिना भेदभाव के 5 लाख रुपए का सुरक्षा कवच और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है। यूपी देश में एमएसएमई में 14 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अग्रणी है।
मुख्यमंत्री ने आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 2017 में प्रदेश का निर्यात 80 हजार करोड़ रुपए था, जो आज 2 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 46 हजार से बढ़कर 1 लाख 20 हजार रुपए और जीडीपी 12 लाख 75 हजार करोड़ से बढ़कर 31 लाख करोड़ रुपए हो गई है। यह प्रगति बेहतर कानून-व्यवस्था और सभी समुदायों को समान अवसर देने के कारण संभव हो पाई है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत 55 हजार युवाओं को 5 लाख रुपए का ब्याज-मुक्त ऋण और 10 प्रतिशत सरकारी अनुदान प्रदान किया गया है। यह योजना सभी समुदायों के युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर देती है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 1 लाख से अधिक परंपरागत कारीगरों को टूलकिट और सस्ते ऋण प्रदान किए गए हैं।